चकराता। जौनसार-बावर के सिद्धपीठ श्री महासू देवता मंदिर हनोल में कोविड-19 के चलते इस बार जागरा मेले का आयोजन नहीं होगा। मंदिर समिति की बैठक में पदेन अध्यक्ष एसडीएम डॉ. अपूर्वा सिंह ने मंदिर समिति के सदस्यों के साथ कई महत्वपूर्ण बिदुओं पर चर्चा करने के बाद जागरा मेला नहीं मनाने का निर्णय लिया है। ऐसा पहली बार होगा जब सदियों से चले आ रहे मेले का आयोजन नहीं किया जाएगा।
सोमवार को तहसील सभागार कालसी में आयोजित श्री महासू देवता मंदिर प्रबंधन समिति बैठक में एसडीएम ने मंदिर समिति के वरिष्ठ सदस्यों से कई महत्वपूर्ण बिदुओं पर विस्तार से चर्चा की। एसडीएम डॉ. अपूर्वा सिंह ने बताया कि जौनसार-बावर के सबसे बड़े धाम कहे जाने वाले सिद्धपीठ श्री महासू देवता मंदिर हनोल में प्रतिवर्ष हरतालिका तीज पर जागरा मेला लगता है।
इस बार जागरा मेला 21 व 22 अगस्त को प्रस्तावित था। लेकिन कोरोना संक्रमण के खतरे के चलते मंदिर समिति इस बार मेले का आयोजन नहीं करने का फैसला लिया गया है। कहा कि हनोल मंदिर में परपंरागत तरीके से हर साल मनने वाले जागरा मेले में रात्रि जागरण को हजारों लोगों की भीड़ जुटती है। मंदिर समिति के सदस्यों ने कहा कि महामारी को देखते हुए इस बार दो जून को जौनसार-बावर के कूणा पंचायत के कैमाला जंगल में बाशिक महासू देवता का परंपरागत जखोली मेला भी आयोजित नहीं किया गया।
इसके अलावा चकराता के रामताल में वीर शहीद केसरी चंद मेला, जौनसार-बावर के कई इलाकों में बड़े धूमधाम से आयोजित होने वाले परपंरागत बिस्सू मेला व जातरा मेले का आयोजन भी रद कर दिया गया। एसडीएम ने कहा कि कोविड-19 के नियमों का सभी को अनुपालन करना चाहिए। जिससे समाज को कोरोना महामारी के खतरे से बचाया जा सके। इसमें सभी का सहयोग व सामूहिक भागेदारी बेहद जरूरी है। इस दौरान मंदिर समिति के वरिष्ठ सदस्य एनडी पंवार, जितेंद्र सिंह चैहान, डॉ. नरेंद्र चैहान, सीआर राजगुरु, राजेंद्र सिंह चैहान, रजिस्ट्रार कानूनगो देवराज पुंडीर, प्रबंधक व व्यवस्थापक नरेंद्र नौटियाल आदि मौजूद रहे।