यात्रा खोलने से पहले केदारनाथ धाम में व्यवस्थाओं को किया जाय दुरुस्त, केदारनाथ धाम में है अव्यवस्थाओं का अंबार

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विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों ने यात्रा खोलने से पहले व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिये कहा है। तीर्थ पुरेाहितों ने कहा कि मानसून सीजन शुरू हो गया है। गौरीकुण्ड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर जगह-जगह बोल्डर गिर रहे हैं। रास्ता कई स्थानों पर ध्वस्त हो गया है। तीर्थ पुरोहित भी अपने घरों में हैं। ऐसे में किस प्रकार से यात्रा चल सकती है।

प्रदेश सरकार ने एक जुलाई से स्थानीय लोगों के लिए केदारनाथ यात्रा खोलने का निर्णय लिया है, जिसका केदारनाथ तीर्थ पुरोहित विरोध कर रहे हैं। तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि यात्रा शुरू करने से पूर्व सरकार को धाम में सभी प्रकार की व्यवस्थाओं को दुरुस्त करना चहिए। धाम में रहने, खाने, पेयजल सहित अन्य व्यवस्था बदहाल है। सभी तीर्थ पुरोहित भी अपने घरों में हैं। गौरीकुण्ड-केदारनाथ पैदल मार्ग बारिश से जानलेवा बना है। मार्ग जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो गया है। पहाड़ी से बोल्डर गिर रहे हैं। ऐसे में यात्रियों की जान को खतरा हो सकता है।

– उमेश पोस्ती, वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित केदारनाथ

अब देश में कोरोना की तीसरी लहर आने वाली है, लेकिन सरकार इस लहर से लोगों को बचाने के बजाय यात्रा खोलने जा रही है। अगर सरकार को यात्रा खोलनी ही है तो पहले धाम में व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया जाय। यात्रियों को सभी प्रकार की व्यवस्था मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि केदारनाथ धाम में तीर्थ यात्रियों के लिए रहने और खाने की व्यवस्थ्ी स्थानीय लोग करते हैं, लेकिन वे घरों में हैं। उन्हें केदारनाथ जाने की अनुमति नहीं दी गई है। ऐसे में केदारनाथ धाम पहुंचने वाले तीर्थ यात्रियों को भारी परेशानियों से जूझना पड़ेगा। कहा कि सरकार को पहले व्यवस्थाएं जुटानी चाहिए, फिर जाकर यात्रा को खोला जाना चाहिए।

– अंकित सेमवाल, तीर्थ पुरोहित केदारनाथ

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