योग गुरु स्वामी रामदेव  अयोध्या के लिए हुए रवाना

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बाबा रामदेव

हरिद्वार। योग गुरु स्वामी रामदेव  अयोध्या के लिए रवाना हो गए हैं। रामदेव अयोध्या में पांच अगस्त को होने वाले भगवान श्रीराम मंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल होंगे। रामदेव के साथ परमार्थ आश्रम ऋषिकेश के स्वामी चिदानंद मुनि सहित अनेक संत भी अयोध्या गए हैं। 

मंगलवार को पतंजलि योगपीठ में महामंत्री आचार्य बालकृष्ण का जन्मदिन जड़ी बूटी दिवस के रूप में मनाया गया। इस दौरान बाबा रामदेव सहित पतंजलि के स्वयं सेवक मौजूद रहे। इसके बाद बाबा रामदेव अयोध्या के लिए रवाना हो गए।

स्वामी राम देव ने राम मंदिर शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल होने को अपना सौभाग्य बताते हुए कहा कि उनकी आंखों के सामने मंदिर का निर्माण हो रहा है ये उनके जीवन में सौभाग्य की बात है। राम देव ने करोड़ों हिंदुओ का शताब्दियों पुराना सपना पूरा होने के लिए पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, साधु संतों, न्यायालय और राम भक्तों को इसका श्रेय दिया।

स्वामी रामदेव ने कहा कि आज जब मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का मंदिर बनने जा रहा है तो अब कृष्ण जन्म भूमि मथुरा और काशी विश्वनाथ पर भी फैसला हो जाना चाहिए।

श्रीकृष्ण जन्मस्थान और काशी विश्वनाथ मंदिर का भी जल्द फैसला हो
05 अगस्त को अयोध्या में होने वाले भगवान राम के मंदिर शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल होने के लिए हरिद्वार से कई संत भी अयोध्या जा रहे हैं। आज योग गुरु स्वामी रामदेव भी कुछ बड़े संतों के साथ अयोध्या के लिए रवाना हो गए।

रामदेव ने अयोध्या रवाना होने से पहले पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि अगर कोरोना संकट नहीं होता तो इस मौके पर अयोध्या में कम से कम एक करोड़ लोग इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बनने के लिए पहुंचते।

कहा कि जब मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा तो उन्हें उम्मीद है कि मंदिर के शिलान्यास में करीब एक करोड़ राम भक्त अयोध्या पहुंचेंगे। मंदिर निर्माण का श्रेय उन राम भक्तों को है, जिन्होंने इसके लिए संघर्ष किया। साधु संतों, विहिप, आरएसएस, न्यायपालिका के साथ पीएम मोदी की वजह से ही भगवान श्रीराम के मंदिर का भव्य निर्माण हो पा रहा है।

देश सदियों तक पीएम मोदी, अमित शाह और राम भक्तों के संघर्ष को याद रखेगा। स्वामी रामदेव ने कहा कि दुनिया भर में सभी अपने महापुरुषों, अवतारी पुरुषों के प्रतीक स्थानों को सहेज कर रखते हैं। इसलिए मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान और बनारस में काशी विश्वनाथ मंदिर का भी जल्द फैसला हो जाना चाहिए।

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