बरेली। राममंदिर के मुद्दे पर लखनऊ में बृहस्पतिवार को होने वाली मुस्लिम नेताओं और उलमा की कांफ्रेंस में बरेली के उलमा भी शामिल होंगे। कयास है कि इस कांफ्रेंस में मंदिर मुद्दे पर कोई अहम एलान हो सकता है। बरेली के उलमा के शामिल होने को लेकर दरगाह आला हजरत में बेचैनी है।
इस बीच इत्तेहादे मिल्लत कौंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा खां ने शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस बुलाई है। माना जा रहा है कि उनकी ओर से भी इसी मसले पर कोई अहम घोषणा की जा सकती है। अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई के अंतिम दौर में पहुंचने के साथ मुस्लिम नेताओं और उलमा की यह कांफ्रेंस लखनऊ के एक होटल में होगी। इस कांफ्रेंस में उलमा देश में अमन और सौहार्द का माहौल बनाए रखने के लिए कोई बड़ा एलान कर सकते हैं।
इस कांफ्रेंस में बरेली से भी कुछ उलमा हिस्सा लेने रवाना हो रहे हैं। हालांकि अभी यह साफ नहीं हुआ है कि बरेली से कौन उलमा जा रहे हैं और उनका वहां क्या फैसला सामने आएगा। फिर भी इसको लेकर दरगाह आला हजरत के माहौल में बेचैनी है। हालांकि दरगाह से जुड़ा कोई शख्स इस बारे में कुछ बोलने को तैयार नहीं है।
लखनऊ में कॉन्फ्रेंस की खबर के साथ शहर में भी चर्चा का दौर शुरू हो गया। बरेली से जाने वाले उलमा के नाम पर चर्चाएं चलती रहीं। इसबीच इत्तेहादे मिल्लत कौंसिंल के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां ने अयोध्या मामले पर शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस करने की घोषणा की।
हालांकि यह भनक नहीं लगने दी कि इस प्रकरण में उनकी ओर से क्या फैसला लेने की तैयारी है। उन्होंने इतना ही कहा कि अभी वह अपनी पार्टी के लोगों से बात कर रहे हैं। शुक्रवार को सब कुछ साफ हो जाएगा।
मुस्लिम मजलिस की अपील- कांफ्रेंस में जाने वाले उलमा का बहिष्कार करें मुसलमान
आल इंडिया मुस्लिम मजलिस ने लखनऊ में होने जा रही कांफ्रेंस पर विरोध जताया है। जिलाध्यक्ष अतीक करम इदरीसी ने एक बयान में कहा कि लखनऊ में होने वाली तथाकथित मौलवियों और मुस्लिम नेताओं की कांफ्रेंस का मुस्लिम मजलिस विरोध करती है। उनकी मुस्लिमों से भी यह अपील है कि जो मुस्लिम नेता और मौलवी इस कांफ्रेंस में शामिल हों, उनका वे सामाजिक बहिष्कार करें।
इदरीसी ने कहा कि लखनऊ में कांफ्रेंस के दौरान मुस्लिम मजलिस के कार्यकर्ता होटल के बाहर प्रदर्शन कर बाबरी मस्जिद की जमीन राम मंदिर को देने का विरोध करेंगे। इसके लिए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अधिवक्ता वसी अहमद के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल लखनऊ पहुंच चुका है।
उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का ही सम्मान करेगी। किसी मसलक के मौलवी, मुस्लिम नेता या मुस्लिम संगठन को यह अधिकार नहीं है कि वह मस्जिद की जमीन को किसी के सुपुर्द कर सके।