शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में बाबा केदार की डोली शनिवार को विराजमान हुई। अब छह माह बाबा केदार की पूजा- अर्चना यही पर होगी। भैैयादूज पर शीतकाल के लिए भगवान केदारनाथ धाम के कपाट सुबह 8:30 बजे बंद किए थे।
आज 29 अक्तूबर शनिवार को डोली अपने शीतकालीन पूजा गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में विराजमान हुई। बाबा केदार की पंचमुखी भोग मूर्ति का श्रृंगार कर चल विग्रह उत्सव डोली में विराजमान किया गया। अब शीतकाल के छह माह यहीं पर बाब केदार की पूजा होगी।
शुक्रवार को बाबा केदार की उत्सव डोली रामपुर से प्रस्थान कर अपने दूसरे पड़ाव विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी पहुंची। केदारघाटी स्थित विभिन्न यात्रा पड़ावों पर स्थानीय लोगों ने पुष्प मालाओं और भोले के जयकारों के साथ डोली का भव्य स्वागत किया गया।
केदारनाथ से लौटी बाबा केदारनाथ की चल उत्सव विग्रह डोली ने रामपुर में रात्रि विश्राम करने के बाद शुक्रवार सुबह मराठा रेजीमेंट की बैंड धुनों के साथ डोली ने अपने दूसरे पड़ाव गुप्तकाशी की ओर प्रस्थान किया। शाम को डोली ने गुप्तकाशी में प्रवेश कर काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंची।