हरिद्वार। महाकुंभ में गंगा स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की तमाम सुविधाओं का ध्यान रखा जा रहा है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए हरिद्वार और ऋषिकेश में 10 अस्थायी रैन बसेरे तैयार हो गए हैं। करीब 3.5 करोड़ की लागत से बनाए गए रैन बसेरों में 1800 श्रद्धालुओें के ठहरने की व्यवस्था की गई है।
महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को होटल व धर्मशालाओं के कमरा न मिलने या पैसे के अभाव में खुले आसमान के नीचे रात बिताने को मजबूर नहीं होना पड़ेेगा। शहर में मौजूदा समय में तीन ही स्थायी रैन बसेरे हैं। इस रैन बसेरों की क्षमता 200 के करीब है।
रैन बसेरों में यात्रियों का निशुल्क ठहरने की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। महाकुंभ के मद्देनजर यह व्यवस्था नाकाफी थी। इसलिए मेला प्रशासन ने हरिद्वार और ऋषिकेश में 3.5 करोड़ की लागत से 10 अस्थायी रैन बसेरों का निर्माण कराया है।
आठ रैन बसेरे हरिद्वार और एक-एक रैन बसेरा ऋषिकेश व मुनिकीरेती में बनाया गया है। अस्थायी रैन बसेरों की क्षमता 100 से लेकर 200 बेड तक रखी गई है। इन रैन बसेरों में बेड के साथ सुधरे बिस्तर हैं और पंखे लगे हैं। साफ सफाई की बेहतर व्यवस्था है।
यहां बनाए गए अस्थायी रैन बसेरे
– गौरीशंकर, बैरागी कैंप, धीरवाली, पंतद्वीप, भूपतवाला, रोड़ीबेलवाला, ऋषिकुल एक, ऋषिकुल दो, नटराज चौक, मुनिकीरेती
यहां है स्थायी रैन बसेरे
– सीसीआर के पास , हाथी पुल के पास (महिला), अलकनंदा घाट
रैन बसेरों में ठहरने की प्रक्रिया
रैन बसेरों में ठहरने के लिए श्रद्धालु को पंजीकरण, कोविड आरटीपीसीआर रिपोर्ट और आधार कार्ड दिखाना होगा। रैन बसेरों में महिलाओं और बच्चों को प्राथमिकता दी जाएगी।
मेला क्षेत्र 1800 यात्रियों की क्षमता के 10 अस्थायी रैन बसेरे बनाए गए हैं। आठ रैन बसेरे हरिद्वार और दो ऋषिकेश व मुनी की रेती में तैयार किए गए है। जरूरत पड़ने पर भूमि की उपलब्धता के अनुसार रैन बसेरों की संख्या को बढ़ाया जाएगा।
– दीपक कुमार, अधिशासी अभियंता, लोक निर्माण विभाग