ऋषिकेश। अक्षय तृतीया पर इस बार लॉकडाउन के कारण श्रद्धालु मंदिर में हृषिकेश नारायण भगवान भरत के दर्शन नहीं कर पाए। अक्षय तृतीया पर श्री भरत मंदिर में सूक्ष्म पूजा अर्चना की गई। ऐसा पहली बार रहा कि अक्षय तृतीया पर श्री भरत मंदिर के मुख्य द्वार श्रद्धालुओं के लिए बंद रहे। हालांकि मंदिर समिति की ओर से सोशल मीडिया के माध्यम से आरती व लाइव दर्शन की व्यवस्था की गई थी। इसलिए कई श्रद्धालुओं ने सोशल मीडिया से ही दर्शन कर मनौती मांगी।
ऋषिकेश के ग्राम देवता हृषिकेश नारायण भगवान भरत की अक्षय तृतीया पर 108 अथवा 1008 परिक्रमा का विशेष महत्व है। पौराणिक मान्यता के अनुसार श्री भरत मंदिर की 108 परिक्रमा का फल श्री बदरी नारायण के दर्शन के बराबर माना जाता है। यही वजह है कि अक्षय तृतीय पर श्री भरत भगवान की परिक्रमा और दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं।
इस बार लॉकडाउन के चलते श्री भरत मंदिर के तीनों प्रवेश द्वार बंद रहे। जिससे कोई भी श्रद्धालु मंदिर में नहीं पहुंच पाया। मंदिर समिति की ओर से अक्षय तृतीय पर हृषिकेश नारायण भगवान भरत की आरती और दर्शन के लिए सोशल मीडिया पर लाइव व्यवस्था की गई थी। कई श्रद्धालुओं ने सोशल मीडिया पर भगवान भरत के दर्शन कर आशीर्वाद लिया।
फिजिकल डिस्टेंसिंग का करें पालन
परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज ने देशवासियों को अक्षय तृतीया की शुभकामनाएं दी। उन्होंने वैश्विक महामारी कोविड- 19 से बचने के लिए लॉकडाउन और फिजिकल डिस्टेंसिंग का गंभीरता से पालन करने की अपील की। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि अक्षय तृतीया हो या आखातीज, एक मंगलमय मुहूर्त है, जो जीवन को मजबूती देने वाला सफलता प्रदान करने वाला है।
इस समय लोग अक्सर शादियों की बातें शुरू करते हैं या फिर खरीदारी की शुरूआत करते हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग अपना धैर्य और संयम खोकर पूर्ण रूप से लॉकडाउन का पालन नहीं कर रहे वे अपने साथ अपने परिवार और राष्ट्र का भी अहित कर रहे हैं।