श्रद्धालुओं को गंगा स्नान की अनुमति नहीं, 24 घंटे पहले सील होगी हरकी पैड़ी

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हरिद्वार। कोरोना संक्रमण के चलते प्रशासन ने पितृ अमावस्या पर हरकी पैड़ी पर स्नान समेत सभी धार्मिक गतिविधियों को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया है। 24 घंटे पहले ही पूरे हरकी पैड़ी क्षेत्र को सील करने की योजना है।

नारायण शिला मंदिर बंद करने पर सहमति बन गई है। डीएम ने स्पष्ट किया है कि केंद्र और राज्य सरकार की गाइडलाइन का अनुपालन करते हुए तमाम प्रतिबंध लागू होंगे। पितृ अमावस्या 17 सितंबर को है। लिहाजा बुधवार को शाम सात बजे से बृहस्पतिवार तक यह आदेश प्रभावी रहेगा।

पितृ अमावस्या पर बड़ी संख्या में लोग अपने पूर्वजों का पिंड दान और तर्पण करने हरकी पैड़ी आते हैं, लेकिन इस बार कोरोना के चलते स्थिति विपरीत है। पुलिस और प्रशासन मंगलवार को दिनभर पितृ अमावस्या पर प्रतिबंध को लेकर उहापोह में फंसा रहा।

देर रात शासन से अनुमति मिलने के बाद आखिरकार जिला प्रशासन ने गंगा स्नान, पिंडदान और सभी धार्मिक गतिविधियों को प्रतिबंधित करने का निर्णय ले लिया। जिलाधिकारी सी रविशंकर ने बताया कि सोमवती अमावस्या की तरह ही पितृ अमावस्या पर भी हरकी पैड़ी पर पूरी तरह रोक रहेगी।

केंद्र सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक, 21 सितंबर के बाद बाद अनलॉक-4 के हिसाब से छूट दी जाएगी। उधर, एसएसपी सेंथिल अबूदई कृष्णराज एस ने बताया कि नारायण शिला के पदाधिकारियों ने भी बढ़ते कोरोना संक्रमण के चलते पितृ अमावस्या पर मंदिर बंद करने का फैसला लिया है।

उन्होंने बताया कि पितृ अमावस्या पर हरकी पैड़ी पर प्रतिबंध बुधवार शाम सात बजे से लागू होगी। बैरियर लगाकर पूरे क्षेत्र को सील कर दिया जाएगा। कोशिश की जाएगी कि हरकी पैड़ी आने वाले लोगों को बॉर्डर से ही लौटा दिया जाए। 

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