हरिद्वार। आज बुधवार को माघ पूर्णिमा पर हजारों श्रद्धालु मां गंगा में डुबकी लगाएंगे। गंगा स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की बार्डर पर कोई रोकटोक नहीं होगी। श्रद्धालुओं को कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए मास्क लगाना अनिवार्य होगा। सनातन धर्म में पूर्णिमा का अलग महत्व है। इस दिन चांद अपनी पूर्ण अवस्था में होता है। यह मान्यता है कि लोगों की हर कामनाएं पूर्ण होती हैं।
इस दिन पूजा और व्रत का शुरू से ही महत्व रहा है। भारतीय प्राच्य विद्या सोसाइटी के प्रतीक मिश्रपुरी ने बताया कि धार्मिक मान्यता है कि पूर्णिमा के दिन देवी-देवता धरती पर आते हैं। ऐसे में इस दिन पूजा-पाठ करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। हर माह की पूर्णिमा का अपना अलग-अलग महत्व होता है। ऐसे में इस माह माघ में पड़ने वाली पूर्णिमा को माघी पूर्णिमा या माघ पूर्णिमा कहा जाता है।
इस दिन स्नान-दान आदि का खास महत्व होता है। ज्योतिषियों के मुताबिक इस बार माघ पूर्णिमा पर खास संयोग बन रहे हैं। प्रतीक मिश्रपुरी ने बताया कि माघ पूर्णिमा को कर्क राशि में चंद्रमा और आश्लेषा नक्षत्र की युति होने से शोभन योग बन रहा है। यह योग काफी शुभ माना गया है। एसएसपी डॉ. योगेंद्र सिंह रावत ने बताया कि माघ पूर्णिमा के अवसर पर स्नान पर कोई रोकटोक नहीं सकेगी। यात्रियों को मास्क व कोरोना गाइडलाइन का पालन करना होगा।
माघ पूर्णिमा के साथ होगा माघ मास का समापन
नारायण ज्योतिष संस्थान के विकास जोशी के अनुसार 16 फरवरी बुधवार को माघ पूर्णिमा के साथ ही पवित्र माघ मास का समापन हो जाएगा। माघ माह में जिन लोगों ने पूरे माह स्नान, दान, तप, मंत्र जप इत्यादि कर्म किए हैं, उनके लिए माघ पूर्णिमा विशेष दिन होता है। इस दिन वे अपने एक महीने के तप की पूर्णाहुति करते हैं। इसके अलावा जिन लोगों ने पूरे माह माघ स्नान नहीं किया है वे भी पूर्णिमा के एक दिन पवित्र नदियों के जल से स्नान करके अपने शुभ पुण्य कर्मों में वृद्धि कर सकते हैं।