सबसे बड़े मेष संक्रांति स्नान पर दिखा आस्था का अनूठा रूप, देर रात से घाट पर पहुंचे भक्त

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महाकुंभ का सबसे बड़ा मेष संक्रांति का शाही स्नान बुधवार को है। इस मौके पद मंगलवार रात 12 बजे से ही हरिद्वार के गंगा घाटों पर भक्त पहुंचने लगे थे। आज सभी 13 अखाड़ों के संतों अलावा लाखों की संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान करेंगे। महाकुंभ में मेष संक्रांति के शाही स्नान से एक दिन पहले शुरू हुए नव संवत्सर पर हरकी पैड़ी एवं गंगा घाटों पर चार लाख 47 हजार श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। ब्रह्मकुंड संतों के स्नान के लिए रिजर्व है और श्रद्धालु सुबह सात बजे तक ही वहां स्नान कर पाए। हरकी पैड़ी छोड़कर श्रद्धालु गंगा घाटों पर डुबकी लगा रहे हैं।। मेला पुलिस-प्रशासन ने तैयारियां पूरी कर ली हैं और 12 अप्रैल की तर्ज पर ही 14 अप्रैल के स्नान की व्यवस्थाएं हैं। लोगों ने पूजा-अर्चना कर हरकी पैड़ी एवं गंगा घाटों पर डुबकी लगाई। श्रद्धालु रात से ही घाटों पर पहुंच गए। स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने दान किया। मेष संक्रांति के शाही स्नान के लिए बाहरी राज्यों के कई यात्री मंगलवार को ही हरिद्वार पहुंच गए थे। महाकुंभ में बुधवार को मेष संक्रांति का दूसरा और अखाड़ों का तीसरा शाही स्नान है।संन्यासी अखाड़ों के संत 11 मार्च महाशिवरात्रि को पहला शाही स्नान कर चुके हैं। अखाड़ों के संत बारी-बारी से क्रमवार स्नान के लिए पहुंच रहे हैं।हरकी पैड़ी क्षेत्र आठ बजे जीरो जोन है। यहां पर एनएसजी और एटीएस के स्नाइपर और कमांडो मुस्तैद हैं।

महाकुंभ पर कोविड-19 का नया स्ट्रेन घातक साबित हो रहा है। मंगलवार को सर्वाधिक रिकार्ड 843 पॉजिटिव लोगों में 15 फीसदी से अधिक बुजुर्ग और 3.50 फीसदी संख्या बच्चों की है।

 

 

 

 

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