देहरादून : सोमवार यानी आज आठ अगस्त को भगवान शिव के प्रिय सावन मास का आखिरी सोमवार है। ऐसे में भगवान शिव को प्रसन्न के लिए आपको सही पूजन विधि से पूजा करनी चाहिए।
आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं के मुताबिक सही विधि से पूजा करने से भगवान शिव अत्यधिक प्रसन्न होते हैं। वहीं आज के दिन आप कुछ खास उपाय कर लाभ भी प्राप्त कर सकते हैं।
सावन माह में शिव पूजन का अपना अलग महत्व
वैसे तो पूरे वर्ष भर भगवान शिव को पूजा जाता है, लेकिन सावन माह में शिव पूजन का अपना अलग महत्व है। इस दिन लोग विधि-विधान से भगवान शिव की पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं।
इस बार सावन माह की शुरुआत 14 जुलाई से हुई थी और सावन का महीना रक्षाबंधन के बाद यानी 12 अगस्त को खत्म हो रहा है।
मान्यता है कि सावन के सोमवार पर श्रद्धाभाव से पूजन करने और व्रत रखने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। इतना ही नहीं भगवान शिव सभी कष्टों को दूर करते हैं।
सावन के आखिरी सोमवार पर पूजा का शुभ मुहूर्त
आज आखिरी सोमवार पर कई शुभ संयोग बन रहे हैं। आज पुत्रदा एकादशी का व्रत भी रखा जा रहा है।
पुत्रदा एकादशी पर भगवान विष्णु का व्रत रखकर भगवान से संतान के लिए और संपन्नता की कामना की जाती है। हिंदू धर्म में पूजा के लिए अभिजीत मुहूर्त शुभ माना जाता है। आज अभिजीत मुहूर्त की सुबह 11:59 से और दोपहर 12:53 बजे तक रहेगा।
सावन के सोमवार पर पूजन विधि
सुबह जल्दी उठ कर स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें।
घर और मंदिर की सफाई करें और पूरे घर में गंगा जल का छिड़काव करें।
घर के मंदिर में दीप जलाएं और देवी- देवताओं का जलाभिषेक करें।
शिवलिंग पर पुष्प, दूध और जल चढ़ाएं।
भगवान शिव को चंदन, सफेद फूल, बेलपत्र, शमी के पत्ते, भांग के पत्ते, धतूरा और भस्म चढ़ाएं।
भगवान शिव के मंत्रों का जाप करें। आरती करें और प्रसाद का भोग लगाएं।
अंत में हाथ जोड़कर भगवान शिव का ध्यान करें और प्रार्थना करें।
सावन के आखिरी सोमवार को करने वाले उपाय
भगवान शिव को जौ अर्पित करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है।
भगवान शिव को तिल अर्पित करने से पापों से मुक्ति मिलती है।
सावन के आखिरी सोमवार को गंगाजल से अभिषेक करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
आखिरी सोमवार को भगवान शिव को शक्कर युक्त दूध अर्पित करने से बुद्धि तेज होती है।
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