सौ साल बाद घणता गांव में आए चालदा देवता, हर तरफ दिखा आस्था का सैलाब

0
103

विकासनगर। चालदा महाराज खत बणगांव के घणता गांव में नए मंदिर में विराजमान हो गए। घणता में निर्मित नए मंदिर में गुरूवार को पूरे विधि-विधान के साथ महाराज को स्थापित किया गया। इस मौके पर देव दर्शन को घणता गांव में भारी संख्या में श्रद्वालु पहुंचे। मौसम खराब होने पर भी श्रद्वालुओं की काफी भीड़ लगी रही।

खत बणगांव के घणता गांव गुरूवार को हर तरफ आस्था का सैलाब था। हर किसी के चेहरे पर अपने ईष्ट देवता के नजदीक से दर्शन करने की प्रबल जिज्ञासा साफ झलक रही थी। चालदा देवता कोटा तपलाड से चार साल का प्रवास खत्म कर खत बणगांव के घणता मंदिर के लिए रवाना हुए, जैसे ही चालदा महाराज देवता की पालकी प्रवास के लिए घणता गांव पहुंची। लोग अपने देवता से आशीर्वाद लेने को आ गए।

जयकारों के साथ चालदा महाराज देवता की पालकी ने नवनिर्मित धणता मंदिर में प्रवेश कराया गया। खत बणगांव के घणता गांव के ग्रामीणों के लिए गुरूवार का दिन सबसे बड़ी खुशी लेकर आया। खत पंजगाव, लखवाड़, फरटाड, कोटा तपलाड सिली गोथान, कोटा तपलाड, उत्पालटा, समाल्टा, उपलगांव , कोरू, बहलाड, शैली, सिलगांव, बमटाड अंठगाव चन्होऊ समेत 18 खत के श्रद्वालुओं की मौजूदगी में देवता प्रवास के लिए यहां पहुंचे।

श्रद्वालुओं की है विशेष आस्था
जौनसार बावर में चालदा महाराज में श्रद्वालुओं की विशेष आस्था है। बुधवार को खत बणगांव के 14 गावों के करीब तीन सौ महाराज को लेने के लिए कोटा तपलाड गांव गए थें गुरूवार सुबह कोटा तपलाड मंदिर से चालदा महाराज की पालकी बाहर लाई गई। कोटा तपलाड मंदिर परिसर में भारी संख्या में श्रद्वालुओं ने देव दर्शन किए।

LEAVE A REPLY