महाकुंभ में कोविड संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए अभी राज्यसीमा और मेला क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर यात्रियों की रैंडम जांच की जा रही है। अब हरिद्वार के सभी 72 गंगा घाटों पर भी यात्रियों की रैंडम जांच कराई जाएगी। अभी तक स्वास्थ्य विभाग की 10 और 11 निजी लैब जांच कर रही हैं। अब 14 और निजी लैब जांच में लगाई जाएंगी। महाकुंभ के मददेनजर कोरोना नियंत्रण के लिए रैंडम कोविड जांच की क्षमता बढ़ाई जा रही है।अभी हरिद्वार जिले में रोजाना 20 हजार लोगों की जांच हो रही है। इनमें 18 हजार से अधिक यात्री शामिल होते हैं। अब यात्रियों का आवागमन बढ़ने लगा है। ऐसे में मेला और जिला स्वास्थ्य विभाग अब गंगा घाटों पर भी यात्रियों की रैंडम जांच शुरू करेगा। अभी राज्यसीमा और मेला क्षेत्र में 33 स्थानों पर जांच होती है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग और निजी लैब 74 टीमें लगाई गई हैं। अबी स्वास्थ्य विभाग से अनुबंधित 11 निजी लैब की सेवाएं ली जा रही हैं, लेकिन अब 14 और निजी लैब भी जुड़ेंगी।
महाकुंभ स्नान के लिए कुंभनगरी आने वाले श्रद्धालुओं के टीकाकरण की तैयारी भी है। इस समय टीकाकरण का तीसरा चरण चल रहा है। तीसरे चरण में 45 से अधिक की उम्र के लोगों को टीका लगाया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि कुंभ में आने वाले लोग लंबे समय तक हरिद्वार में रुकते हैं। इस दौरान वे मंदिरों, शिविरों और छावनियों में संतों व नागा संन्यासियों के दर्शन करते हैं।यात्री पंजीकरण और आरटीपीसीआर रिपोर्ट के साथ आ रहे हैं, लेकिन मेला क्षेत्र में लंबे समय तक रहने के कारण संक्रमित हो सकते हैं। इसलिए 45 से अधिक के श्रद्धालुओं का टीकाकरण किया जाएगा। इसके लिए टीकाकरण केंद्रों की संख्या बढ़ाई जाएगी। सभी 72 गंगा घाटों पर यात्रियों की रैंडम जांच की जाएगी। गंगा घाटों या उनके आसपास कोविड जांच केंद्र बनाए जाएंगे। केंद्रों के आसपास एंबुलेंस भी तैनात रहेंगी। संक्रमित मिलने पर उसको तत्काल आइसोलेट किया जाएगा। 45 से अधिक की उम्र के यात्री अगर लंबे समय तक हरिद्वार में प्रवास करते हैं तो उनका भी टीकाकरण किया जाएगा।