हरिद्वार बॉर्डर पर कोविड जांच की सख्ती बढ़ने से   संपर्क मार्गों से पैदल ही निकल रहे  श्रद्धालु,

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हरिद्वार महाकुंभ शुरू होने के साथ ही कोरोना संक्रमण की रफ्तार ने बाहरी राज्यों से आने वाले यात्रियों की नारसन बॉर्डर पर मुश्किलें बढ़ा दी हैं। यहां से केवल उन्हीं को सीधे प्रवेश दिया जा रहा है, जो कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट लेकर आ रहे हैं।बिना रिपोर्ट वाले यात्रियों की कोरोना जांच की जा रही है। पॉजिटिव आने पर उन्हें लौटा दिया जा रहा है। ऐसे में यात्रियों ने नारसन बॉर्डर से किनारा कर लिया है और संपर्क मार्ग से सीमा में प्रवेश कर रहे हैं। शिकायत मिलने पर पुलिस ऐसे संपर्क मार्गों को चिह्नित कर पहरा लगाने की तैयारी कर रही है।कोरोना की रफ्तार के बीच ऐहतियात के तौर पर नारसन बॉर्डर पर सख्ती बढ़ाई गई है। यहां से सबसे अधिक यात्री जिले की सीमा में प्रवेश करते हैं। ऐसे में पुलिस-प्रशासन की सबसे पैनी नजर नारसन बॉर्डर पर ही है।यात्रियों को बिना कोरोना निगेटिव रिपोर्ट के उत्तराखंड में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। चेकिंग के लिए पुलिस के साथ पैरामिलिट्री के जवान भी तैनात किए गए हैं, जिससे सैकड़ों वाहन रोजाना लौटाए जा रहे हैं। ऐसे में यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इससे पार पाने के लिए यात्रियों ने दूसरा रास्ता निकाल लिया है।बाहरी राज्यों के यात्री नारसन बॉर्डर से पहले ही आसपास के ग्रामीणों से संपर्क मार्गों की जानकारी जुटाकर सीमा में प्रवेश कर रहे हैं। ऐसी शिकायतें पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के पास पहुंच रही हैं। इसे गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधिकारियों ने नारसन बॉर्डर से पहले यूपी की सीमा में पड़ने वाले संपर्क मार्गों को चिह्नित करना शुरू कर दिया है। एसपी देहात प्रमेंद्र डोबाल ने बताया कि संपर्क मार्गों को चिह्नित कर पुलिस का पहरा लगाया जाएगा।निजी बसों से आने वाले यात्री पैदल बॉर्डर पर पार लेते हैं। ऐसा निजी बस संचालकों की अनदेखी की वजह से हो रहा है। निजी बसों में कोई जांच रिपोर्ट नहीं देखी जा रही है। ऐसा नहीं है कि नियमों की जानकारी बॉर्डर पर तैनात अधिकारी और कर्मचारियों को नहीं है। जानकारी होने के बाद भी कोई सख्ती नहीं बरती जा रही है।इन निजी वाहन चालकों की मनमानी खुलेआम चल रही है। नारसन बॉर्डर से कुछ दूरी पर खड़े निजी वाहन पैदल बॉर्डर क्रास करने वाले यात्रियों से मनमाना किराया वसूल रहे हैं। यात्रियों ने बताया कि यह वाहन चालक दो से तीन गुना किराया ले रहे हैं। मनमाफिक किराया नहीं देने पर बैठाने से इनकार कर देते हैं।

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