उत्तराखंड सरकार ने केंद्र से महाकुंभ के आयोजन पर बात की। बातचीत के बाद तय हुआ है कि कोविड-19 के मद्देनजर एहतियात बरतने को लेकर केंद्र सरकार महाकुंभ की एसओपी जारी करेगी। वहीं, बैठक में कोरोना के साए में कुंभ के आयोजन पर इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने भी चिंता जताई है।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद प्रदेश सरकार ने केंद्र से वार्ता की। उत्तराखंड से एक अधिकारी दिल्ली गए थे जबकि बाकी अधिकारी वर्चुअल माध्यम से जुड़े। बैठक में महाकुंभ में भीड़ को लेकर चर्चा हुई। यह बात भी सामने आई कि कोरोना का नया स्ट्रेन खतरा बना हुआ है, ऐसे में आयोजन को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरतनी होगी। आईसीएमआर के वैज्ञानिकों ने भी कहा कि चूंकि कोरोना का साया अभी खत्म नहीं हुआ है, इसलिए महाकुंभ में अतिरिक्त सतर्कता की जरूरत है।
महाकुंभ के लिए केंद्र सरकार की ओर से गाइडलाइंस जारी की जाएगी। इसी आधार पर सख्ती से नियमों का पालन कराया जाएगा। उम्मीद जताई जा रही है कि अगले एक सप्ताह में एसओपी जारी हो जाएगी। केंद्र सरकार ने भी माना है कि चूंकि महाकुंभ में देश के विभिन्न राज्यों के अलावा विदेशों से भी श्रद्धालु आते हैं, ऐसे में एहतियात बरतना जरूरी है। महाकुंभ की अधिसूचना राज्य सरकार फरवरी के अंत में जारी करेगी।
यह चाह रही है राज्य सरकार
कोरोनाकाल की परिस्थितियों को देखते हुए प्रदेश सरकार चाहती है कि कुंभ मेले के दौरान अत्यधिक भीड़ न जुटे। वह यह भी चाह रही है कि श्रद्धालुओं की सीमित संख्या में उपस्थिति की व्यवस्था राज्यों के स्तर पर ही हो जाए। इसमें केंद्र सरकार की मध्यस्थता की भूमिका ज्यादा प्रभावी रहेगी।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद केंद्र सरकार के साथ हमारी वार्ता हो गई है। इस बैठक में राज्य और केंद्र के तमाम अफसर शामिल हुए। तय किया गया है कि महाकुंभ जैसे अंतरराष्ट्रीय आयोजन के लिए केंद्र सरकार एसओपी जारी करेगी।
-मदन कौशिक, शहरी विकास मंत्री, उत्तराखंड सरकार