देहरादून। चैतन्य गौड़ीय मठ में श्री हरिनाम संकीर्तन सम्मेलन एवं शिलान्यास का शुभारंभ 31 को होगा।
जबकी मठ की ओर से 30 मार्च से 4 अप्रैल तक धार्मिक कार्यकर्म आयोजित किए जाएंगे। बातचीत के दौरान स्वामी मुनी ने बताया कि चैतन्य महाराज श्री कृष्ण के अवतार हैं और उनकी शिक्षा पर आधारित है , चैतन्य महाराज की अपनी कोई शिक्षा नहीं है उन्होने तमाम वेदों और शास्त्रों का सार ये बताया है कि कल्युग में केवल हरिनाम से ही सबका कल्याण हो सकता है। इस नाम से ही दुखमय संसार से छूटके आनंदमय धाम में जा सकते हैं । उन्होने बताया पूरे भारत में 24 मठ हैं जिनमें हर साल इस तरह का सम्मेलन होता है जिसमें भगत विषय में चर्चा की जाती है।
शनिवार शाम को ‘जीव का धमर्’ जिसमें तमाम जीव कौन है और भगवान कौन है , जीव और भगवान के बीच क्या रिशता है , हमारा उनके प्रति क्या कर्तवय है, संसार के प्रती क्या क्र्तवय है कई तमाम विषय पर चर्चा होगी। उन्होनें बताया कि पिछले 45 सालों से इस तरह के कीर्तन होते आए हैं। उन्होने बताया की इस अयोजन में करीब हजार भक्त शामिल होते हैं।