देहरादून। चंद्रग्रहण के दौरान बंद हुए बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट आज तड़के सूतककाल खत्म होने के बाद भक्तों के दर्शनार्थ खोल दिए गए।
ग्रहण के बाद आज सुबह 4.40 मिनट पर बदरीनाथ धाम की घंटी बजाई गई। इसके बाद बदरीनाथ परिक्रमा स्थल से लेकर सभा मंडप की साफ-सफाई की गई। सुबह ठीक छह बजे बदरीनाथ की अभिषेक पूजा व अन्य पूजाएं विधि-विधान से पहले की तरह शुरू हो गईं।
बदरीनाथ धाम, गंगोत्री मंदिर
बदरीनाथ धाम के साथ ही परिसर में स्थित सभी मंदिरों के कपाट मंगलवार शाम 4.25 बजे बंद कर दिए गए थे। ग्रहणकाल से नौ घंटे पहले सूतककाल माना जाता है, लिहाजा भगवान बदरीनाथ की भोग पूजा और शयन आरती के बाद धाम के कपाट बंद कर दिए गए।
गंगोत्री मंदिर चंद्रग्रहण का सूतक काल होने से अपराह्न 3.45 बजे ही मंदिर में आरती के बाद मां गंगा को भोग चढ़ा दिया गया और शाम 4.10 बजे मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए थे। आज सुबह पांच बजे विशेष पूजा अर्चना के बाद मंदिर के कपाट भक्तों के दर्शनार्थ खोले गए।
यमुनोत्री मंदिर, केदारनाथ धाम
यमुनोत्री मंदिर के कपाट शाम 4.37 बजे बंद कर दिए गए थे। आज सुबह पांच बजे विशेष धार्मिक अनुष्ठान के बाद कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले गए।
केदारनाथ धाम के कपाट मंगलवार शाम 4.30 बजे बंद कर दिए गए थे। ग्रहण का सूतक काल शुरू होने से पूर्व भगवान केदारनाथ का भोग लगाकर भगवान की सायंकालीन आरती की गई। आज तड़के साफ सफाई और विशेष धार्मिक अनुष्ठान के साथ 4.31 बजे मंदिर के कपाट भक्तों के दर्शनार्थ खोल दिए गए।