अब उत्तराखंड लोक सेवा आयोग भी सवालों के घेरे में, टूटा युवाओं का मनोबल, दावे हवा-हवाई

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हरिद्वार : लेखपाल के 563 पदों के लिए बीती आठ जनवरी को कराई गई भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में भले ही उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के सचिव गिरधारी सिंह रावत की ओर से आरोपित कार्मिक को निलंबित कर विभागीय कार्यवाही शुरू कर दी गई हो, लेकिन इससे सिस्टम सवालों के घेरे में आ गया है।

यूकेएसएसएसएसी पेपर लीक विवाद के बाद उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के पास भर्तियों की जिम्मेदारी आई। निर्विघ्न परीक्षा संपन्न कराने को आयोग के अध्यक्ष की ओर से बड़े-बड़े दावे किए गए।

शुचिता को लेकर प्रश्न पत्रों के चार सेट तैयार कराने से लेकर इसे डबल लाक में रखने, प्रत्येक परीक्षार्थी की उसके ई प्रवेश पत्र के साथ वीडियोग्राफी कराने समेत कई प्रविधान किए गए।

हरिद्वार के 25 केंद्र समेत प्रदेश के 498 केंद्रों पर कराई गई थी परीक्षा
बीते साल 18 दिसंबर को पुलिस विभाग के विभिन्न पदों की निर्विघ्न परीक्षा कराने के बाद आयोग की ओर से गत 27 दिसंबर को लेखपाल समेत 32 परीक्षाओं के वार्षिक कैलेंडर जारी किए गए थे। गत आठ जनवरी को राजस्व विभाग की राजस्व उप निरीक्षक (लेखपाल) की परीक्षा हरिद्वार जिले के 25 केंद्र समेत प्रदेश के 498 केंद्रों पर कराई गई।

563 पदों के लिए आयोजित इस परीक्षा में 1,58210 अभ्यर्थी पंजीकृत थे। कड़ाके की ठंड के बावजूद 1,14071 अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए। परीक्षा संपन्न होने के बाद आयोग सचिव की ओर से निर्विघ्न परीक्षा संपन्न होने का दावा भी किया गया था लेकिन परीक्षा के तीन रोज बाद प्रश्नपत्र लीक होने के मामले ने आयोग के दावों की कलई खोलकर रख दी है।

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