रावण का वेष धर एक रामलीला कलाकार गंगा में लोगों की अस्थियों का विसर्जन करता नजर आया तो हर किसी के लिए कौतूहल का विषय बन गया। लोग रूककर इस कलाकार को देखने लगे। राजस्थान के जयपुर से आए इस कलाकार ने मंगलवार को गंगा में 156 लोगाें की अस्थियों का विसर्जन किया।
रामलीला में अभिनय करने वाले राजाराम जैन वर्ष 2006 से लावारिस लोगों की अस्थियों का गंगा में विसर्जन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस बार रावण का वेष धारण कर अस्थियों का विसर्जन किया। अब तब वह 25 बार में 6000 से अधिक लोगों का अस्थि विसर्जन कर चुके हैं।
उन्होंने कहा कि देशभर में रामलीला में रावण का किरदार निभाने वाले लोगों को एकत्र कर अयोध्या में राम मंदिर की परिक्रमा करना उनका लक्ष्य है। राजाराम जैन ने बताया कि वह 1994 से राष्ट्रीय दशहरा मेला कोटा राजस्थान में रामलीला में अभिनय करते आ रहे हैं।
कर्मयोगी रावण सरकार की उपाधि
राष्ट्रीय स्तर के मेले में उनको कर्मयोगी रावण सरकार की उपाधि दी गई है। उनकी पत्नी अल्का दुलारी जैन कर्मयोगी दस्ताना कठपुतली का आयोजन करती हैं। वह लगभग 45 देशों में 13 साल तक इस कला का प्रदर्शन कर तमाम अवार्ड जीत चुकी हैं।
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के बाद जाएंगे अयोध्या
राजाराम जैन का कहना है कि रावण को अब तक केवल उपहास और अनादर के साथ देखा गया। जबकि, वह अब देशभर में रावण का किरदार निभाने वाले लोगों को लेकर राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के बाद आयोध्या धाम जाएंगे और प्रभू श्रीराम के मंदिर की परिक्रमा करेंगे।