हरीदर। उत्तराखंड के बाहर से हरिद्वार में अस्थि विसर्जन के लिए चार से अधिक लोग नहीं आ पाएंगे। आने से पहले पोर्टल पर पंजीकरण और 72 घंटे पूर्व आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट की अनिवार्यता होगी। जिलाधिकारी सी रविशंकर ने कोविड कर्फ्यू में एसओपी के सख्ती से पालन कराए जाने के निर्देश जारी कर दिए हैं।
महाकुंभ के बाद से हरिद्वार में कोरोना ने कहर बरपाया। संक्रमण का फैलाव रोकने के लिए कोविड कर्फ्यू लगाना पड़ा है। 28 अप्रैल से चरणबद्ध तरीके से कर्फ्यू बढ़ रहा है। अब 25 मई तक लागू कर्फ्यू में प्रशासन ने सख्ती बढ़ा दी है। बाहरी राज्यों से आने वालों की बॉर्डर पर जांच शुरू कर दी है। इनमें अस्थि विसर्जन करने वाले लोग भी शामिल हैं। जिले में आवागमन के लिए 11 बॉर्डर हैं।
जिलाधिकारी सी रविशंकर के मुताबिक बाहरी राज्यों से हरिद्वार अस्थि विसर्जन के लिए चार लोग ही आ पाएंगे। इनको भी पोर्टल पर पंजीकरण और 72 घंटे पूर्व की आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट लानी होगी। रिपोर्ट नहीं होने पर बार्डर पर रैंडम सैंपल के बाद ही हरिद्वार में प्रवेश दिया जाएगा। सार्वजनिक एवं निजी वाहनों में कुल क्षमता के 50 फीसदी ही मान्य होगा। यानी अस्थि विसर्जन के लिए आने वाले चार लोगों को कार नहीं बल्कि आठ सीटर एसयूवी से आना होगा।
जिले के अंदर मेडिकल इमरजेंसी के लिए छूट
कोविड कर्फ्यू के दौरान जिले के अंदर भी एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए सिर्फ मेडिकल इमरजेंसी में छूट होगी। अति आवश्यक सेवाओं को छोड़कर अन्य लोगों की आवाजाही प्रतिबंधित होगी। मेडिकल इमरजेंसी के दस्तावेज होना जरूरी होंगे।
न्यूनतम कर्मियों के साथ खुलेंगे कार्यालय
रक्षा, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, आपदा प्रबंधन, प्रारंभिक चेतावनी एजेंसियों, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण, रेलवे, राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र, भारतीय खाद्य निगम, एनसीसी, नेहरू युवा केंद्र एवं अन्य आवश्यक सेवाओं एवं कोविड प्रबंधन में लगे केंद्र सरकार के कार्यालय न्यूनतम कार्मिकों के साथ खुलेंगे। बाकी कार्मिक घरों से काम करेंगे।