रूड़की। उत्तराखंड की जेलों में जल्द फुल बॉडी स्कैनर लगाने की योजना पर काम चल रहा है। जेल आईजी एपी अंशुमान ने शासन को इसका प्रस्ताव भेजा है। इस पर मुहर लगी तो जेलों में बंदियों से मिलने आने वालों की तलाशी बॉडी स्कैनर से होगी।
सूबे की जेलों में कई बड़े अपराधी सजा काट रहे हैं। अक्सर इन अपराधियों की ओर से मोबाइल चलाने और अन्य प्रतिबंधित सामग्री जेल में मंगवाने की शिकायतें मिलती रहती हैं। अब इस पर जेल प्रशासन लगाम लगाने की तैयार कर रही है।
नशे का सामान, मोबाइल जैसे प्रतिबंधित सामग्री तक कैदियों की पहुंच रोकने के लिए सूबे की जेलों में फुल बॉडी स्कैनर लगाने की योजना पर विचार किया जा रहा है। इसके जरिये नशीले पदार्थों, मोबाइल, नकदी जैसी प्रतिबंधित सामग्री शरीर में छुपाकर कैदियों तक पहुंचाने वाले परिचितों की पोल खुल जाएगी। उम्मीद है कि नए साल में इस योजना को धरातल पर उतरकर जेलों में बॉडी स्कैनर लगना शुरू हो जाएगा।
सामान्य तलाशी में नहीं पकड़ में आते लोग
जेल में बंदियों और कैदियों से मिलने आने वालों की गेट पर सामान्य तलाशी ली जाती है, लेकिन कई लोग इसके बावजूद प्रतिबंधित सामग्री जेल के अंदर ले जाते हैं। सामान्य तलाशी में ये पकड़ में नहीं आ पाते हैं। इन्हीं पर रोक लगाने के लिए बॉडी स्कैनर लगाने की योजना है।
मेटल डिटेक्टर लगाने का काम ठंडे बस्ते में
सूबे की कई जेलों में जैमर और मेटल डिटेक्टर लगना प्रस्तावित है, लेकिन अभी तक ये योजनाएं धरातल पर नहीं उतर पाई हैं। इसके चलते जेलों में मोबाइल चलाने और प्रतिबंधित सामग्री मिलने की आए दिन शिकायतें आती रहती हैं।
प्रदेश की जेलों में बॉडी स्कैनर लगाने की योजना है। इसके लिए शासन को बजट का प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है। इस पर मुहर लगते ही जेलों में बॉडी स्कैनर लगाने का काम शुरू करा दिया जाएगा। बॉडी स्कैनर लगने से बंदी रक्षकों का काम आसान हो जाएगा। संदिग्ध वस्तुओं के अंदर जाने पर भी रोक लगेगी।
-एपी अंशुमान, आईजी जेल