हरिद्वार। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। बता दें कि विगत 11 अप्रैल को वह हरिद्वार कुंभ में आए थे और उन्होंने कई संतों से मुलाकात भी की थी। उस दिन शाम को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। 11 अप्रैल की सुबह ही महंत नरेंद्र गिरी ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का अखाड़े में स्वागत कर मुलाकात की थी। उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो संतों, मेला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। महंत नरेंद्र गिरी के पॉजिटिव आने के बाद से उनके संपर्क में आए सभी संत और अधिकारी आइसोलोट हो गए हैं। महंत नरेंद्र गिरि को नौ अप्रैल से दस्त, पेट में दर्द और शरीर में कमजोरी की शिकायत हुई थी। शनिवार को महंत नरेंद्र गिरि को जगजीतपुर पुलिस चौकी के पास स्थित आनंदम अस्पताल में भर्ती कराया गया था। महंत की बीमारी के लक्षण कोविड के दूसरी लहर के स्ट्रेन लक्षणों से मिलते जुलते थे। महंत नरेंद्र गिरि को तबीयत बिगड़ने पर एम्स में भर्ती कराया गया है। वहीं, पिछले पांच दिनों में निरंजनी अखाड़े के दस संत भी संक्रमित हो चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग ने अखाड़े के कई संतों के कोविड सैंपल भी लिए हैं।
श्रीमहंत के संपर्क में आए यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री एवं सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने भी मंगलवार को लखनऊ में अपनी कोविड जांच कराई थी।
एम्स के जनसंपर्क अधिकारी हरीश थपलियाल ने बताया कि श्रीमहंत नरेंद्र गिरि को बीती रात इमरजेंसी में भर्ती किया गया। प्रारंभिक जांच के बाद उन्हें आईपीडी में शिफ्ट कर दिया गया, जहां उनका उपचार चल रहा है।
उनकी देखरेख में लगे डॉक्टरों ने बताया कि श्रीमहंत मधुमेह के रोगी हैं और उन्हें बुखार व कफ की शिकायत है। फिलहाल वह पूरी तरह से स्टेबल हैं।
महंत नरेंद्र गिरि के मामले में प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई। महंत नरेंद्र गिरि ने अखिलेश यादव का फूल मालाएं पहनाकर स्वागत किया और प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को इसकी खबर तक नहीं लगी।
सोशल मीडिया पर महंत नरेंद्र गिरी और अखिलेश यादव की फोटो वायरल होने से प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। आनन-फानन प्रशासन ने अखिलेश यादव को महंत नरेंद्र गिरि के संक्रमित होने की सूचना दी।