किन्नर अखाड़े को लेकर अखाड़ा परिषद में विवाद

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किन्नर अखाड़े को लेकर अब अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के भीतर ही विवाद खड़ा हो गया है। एक जनवरी को प्रयागराज में हुई परिषद की बैठक में किन्नर अखाड़े को फर्जी बताने और कुंभ में उनके प्रवेश पर रोक के फैसले ने तूल पकड़ लिया। इस मामले को लेकर परिषद के दो बड़े पदाधिकारी आमने-सामने आ गए हैं।अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरि ने कहा कि किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को उनकी ओर से जूना अखाड़े के साथ शाही स्नान के लिए 2019 में प्रयागराज में वचन दिया है।वह अपनी दी जुबान नहीं तोड़ सकते और किन्नर अखाड़े के साथ नहीं छोड़ सकते हैं। इसके लिए भले ही उनको अखाड़ा परिषद से निकाला जाए या फिर उनको महामंत्री पद से इस्तीफा देना पड़े।श्रीमहंत हरिगिरि ने कहा कि अनुबंध के तहत किन्नर अखाड़ा जूना अखाड़े का अंग था और है, आगे भी रहेगा। उन्होंने कहा कि अनुबंध से पहले किन्नर अखाड़े ने जूना अखाड़े के साथ आने की इच्छा जताई थी।इस मामले में उनकी ओर से अखाड़ा परिषद के पदाधिकारियों और संतों से कई दौर की वार्ताएं हुई। उनकी सहमति के बाद ही अनुबंध हुआ। उन्होंने कहा कि अब हरिद्वार कुंभ में उनके शाही स्नान पर रोक लगाने का निर्णय उनकी समझ से बाहर है।

 

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