हरिद्वार। ज्योतिष और द्वारका-शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कुंभ मेला की व्यवस्थाओं पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि कुंभ मेला नहीं है, यह सनातन हिंदू परंपरा का शिखर महापर्व है। सरकार को इसकी व्यवस्था इस अनुरूप करनी चाहिए। कुंभ को मेला मानकर की जाने वाली व्यवस्था से ही अव्यवस्था फैल रही है। यह उचित नहीं है। उन्होंने जौलीग्रांट हवाई अड्डे का नाम आदि गुरु शंकराचार्य के नाम पर रखे जाने की अपनी पुरानी मांग को दोहराते हुए कहा कि सरकार ने इस ओर अभी तक कोई पहल नहीं की है, यह निराशाजनक है। सरकार ने हरिद्वार कुंभ में जो प्रतिबंध लगाए हैं, वे श्रद्धालुओं के साथ अन्याय है।
शुक्रवार रात कनखल स्थित शंकराचार्य मठ में शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने पत्रकारों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि आदि गुरु शंकराचार्य ने देवभूमि उत्तराखंड में अपने जीवनकाल का काफी समय बिताया था। केदारनाथ में मंदिर की स्थापना की थी, इसलिए केंद्र और उत्तराखंड सरकार को इस दिशा में तत्काल सकारात्मक कदम उठाना चाहिए।
देवस्थानाम बोर्ड असंवैधानिक
शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि उत्तराखंड में स्थापित देवस्थानाम बोर्ड असंवैधानिक है, इसका गठन गलत इरादे से किया गया था। सरकार का काम मंदिरों का संचालन करना है। सरकार को इसे तत्काल प्रभाव से इसे निरस्त कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को श्रद्धालुओं के दृष्टिकोण से काम करना चाहिए।
अयोध्या में बन रहे श्रीरामजन्म भूमि मंदिर निर्माण पर पूर्व में दिए गए अपने बयान को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण का काम रामालय ट्रस्ट को करना है, वह ही इसे पूरा कराएगा। उन्होंने कहा कि अयोध्या में भाजपा सरकार श्रीरामजन्म भूमि मंदिर नहीं विश्व हिंदू परिषद के कार्यालय का निर्माण करा रही है।