हरिद्वार। पतंजलि की दवा कोरोनिल को विश्व प्रसिद्ध रिसर्च जर्नल के मुख्य पृष्ठ (कवर पेज) पर जगह मिली है। जड़ी-बूटी और आयुर्वेद के क्षेत्र में अनुसंधान कर पतंजलि ने यह दवा तैयार की है। इस अनुसंधान को जर्मन जर्नल (German Journal) में मिलना पतंजलि के लिए बड़ी उपलब्धि है।
जर्मनी की विले-वीसीएच जीएमबीएच संस्था की ओर से 21 नवंबर, 2021 को प्रकाशित विश्वस्तरीय जर्नल ऑफ सेपरेशन साइंस (इंपैक्ट फैक्टर 3.65) के मुख्य पृष्ठ पर आयुर्वेदिक औषधि कोरोनिल के रूप में पतंजलि की यह उपलब्धि दर्ज की गई है। पतंजलि योग पीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण (Acharya Balkrishan) ने दावा किया कि कोरोनिल (Coronil) आयुर्वेद के क्षेत्र में पहली औषधि है, जिसने अंतरराष्ट्रीय जर्नल के कवर पेज पर स्थान पाया है। कोरोनाकाल में इस दवा ने लाखों परिवारों के सदस्यों के जीवन की रक्षा की, साथ ही कोरोना के भय और भ्रम से भी बचाया।
आचार्य बालकृष्ण का दावा है कि यदि किसी आयुर्वेदिक दवा पर सबसे ज्यादा और विश्वस्तरीय अनुसंधान हुआ है या रिसर्च जर्नल ने किसी भी औषधि के प्रभाव को प्रकाशित किया है तो वह कोरोनिल है। पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट (Patanjali Research Institute) के चीफ साइंटिस्ट अनुराग वार्ष्णेय का कहना है कि कोरोनिल ने इलाज में प्रभावकारी होने के साथ-साथ गुणवत्ता की कसौटी पर भी इतिहास रचा है।
50 व्यक्तियों के दांतों की जांच की, दी दवाएं
भारत विकास परिषद अविरल गंगा की ओर से रविवार को चावमंडी स्थित एक क्लीनिक में निश्शुल्क दंत चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का उद्घाटन अविरल शाखा की वरिष्ठ सदस्य निशा गोयल ने किया।शिविर में करीब 50 व्यक्तियों के दांतों का परीक्षण किया गया और उन्हें दवाएं भी दी गई। इस मौके पर संगठन की अध्यक्ष मधु जैन ने कहा कि अविरल शाखा की ओर से सामाजिक उत्थान के लिए कार्य किए जाते हैं। सभी सदस्य तन-मन-धन से सामाजिक कार्यों में समर्पित रहते हैं। संयोजक नवनीत वर्मा ने कहा कि समाजसेवा ही जीवन का महत्वपूर्ण कार्य है।