मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती ने गंगा रक्षा के लिए फिर से आंदोलन करने का एलान कर दिया है। उन्होंने गंगा में खनन खोलने के विरोध में 14 दिसंबर से अनशन करने की घोषणा की है।शनिवार को मातृ सदन में पत्रकारों से बातचीत में स्वामी शिवानंद सरस्वती ने कहा कि पुष्कर सिंह धामी सरकार माफिया के साथ मिलकर गंगा को बर्बाद करना चाहती है। मातृ सदन के विरोध के बाद भी गंगा और उसकी सहायक नदियों में खनन की अनुमति दी जा रही है।
उन्होंने कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकार की ओर से गंगा में खनन करने के लिए जो नीतियां बनाई जा रही हैं, उनमें पर्यावरण और गंगा रक्षा का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। केवल खनन करने के लिए नीतियां बनाई जा रही हैं। यही कारण है कि अब गंगा से एक किलोमीटर के दायरे में भी स्टोन क्रशर लगाने को अनुमति दे दी गई है। जबकि पहले गंगा के पांच किलोमीटर के दायरे में स्टोन क्रशर नहीं लगाए जा सकते थे।
उन्होंने कहा कि गंगा में पूर्ण रूप से खनन खोलने के विरोध और कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद की संपत्ति की जांच कराने के लिए वह 14 दिसंबर से अनशन शुरू करने जा रहे हैं। वह दिन में महज चार गिलास सादा जल ग्रहण करेंगे। मांगों को पूरा नहीं किया गया तो वह जल त्यागकर अपने प्राण भी दे देंगे।
उन्होंने कहा कि गंगा रक्षा को लेकर मातृ सदन में 23 और 24 दिसंबर को गंगा रक्षा सम्मेलन भी होगा। जिसमें देशभर के गंगा भक्त सरकार की नीतियों और खनन बंद कराने के आंदोलन की रणनीति बनाएंगे। जिसके बाद देशभर में गंगा रक्षा के लिए अलख जागने का कार्य किया जाएगा।