सहारनपुर से हरिद्वार पहुंचे गुप्ता बंधुओं के शाही स्नान के बाद सीधे होटल जाने की जिद पर पुलिसकर्मियों से विवाद हो गया। पुलिसकर्मियों से काफी जद्दोजहद के बाद गुप्ता बंधु होटल पहुंचने में कामयाब हुए। गुप्ता बंधुओं ने निरंजनी अखाड़े के संतों के साथ गंगा स्नान किया। स्नान के बाद संतों वाले रूट से जाने के बजाए हरकी पैड़ी से सीधे होटल चले गए।उतर प्रदेश के सहारनपुर के निवासी गुप्ता बंधुओं का विवादों से पुराना नाता है। दक्षिण अफ्रीका की राजनीति में दखल रखने से गुप्ता बंधु चर्चा में आए। उत्तराखंड के औली में शादी कराने का मामला हो या फिर हरिद्वार के जीरो जोन में गाड़ियों का काफिला दौड़ाने का विवाद उनका पीछा नहीं छोड़ते। मंगलवार शाम को भी गुप्ता बंधुओं के काफिले की गाड़ियां जीरो जोन में घुस गई थीं। बुधवार को शाही स्नान के बाद गुप्ता बंधु पुलिसकर्मियों से उलझ गए।गुप्ता बंधुओं ने परिवार और रिश्तेदारों के साथ शाही स्नान किया। संतों के स्नान और वापसी का रूट निर्धारित था। गुप्ता बंधु हरकी पैड़ी से संतों के वापसी रूट के बजाए होटल जाने लगे। इस पर पुलिसकर्मियों ने उनको हरकी पैड़ी बैरियर पर रोक लिया और कहा कि संतों के साथ स्नान किया है तो उनके रूट से ही जाना होगा। गुप्ता बंधु परिवार के साथ होटल जाने की जिद पर अड़ गए और काफी समय तक पुलिस ने नोकझोंक करते रहे। गुप्ता बंधुओं ने पुलिसकर्मियों को आईजी मेला संजय गुंज्याल तक से पहचान होने की धमकी दी। करीब 20 मिनट तक चले विवाद के बाद गुप्ता बंधु होटल चले गए।गुप्ता बंधु मामले में डीआईजी ने सात दिन में मांगी रिपार्ट,हरिद्वार में शाही स्नान के दौरान उद्योगपति गुप्ता बंधुओं के जीरो जोन में जाने और हंगामा करने के मामले में डीआईजी नीरू गर्ग ने जांच के आदेश दिए हैं। डीआईजी ने हरिद्वार एसएसपी को कहा है कि इस पूरे मामले में एसपी सिटी से जांच कराई जाए और सात दिन के भीतर रिपोर्ट प्रेषित की जाए।
गुप्ता बंधुओं के वाहनों को अनुमति देने पर सवाल
हरिद्वार विकास समिति के अध्यक्ष रवि बाबू शर्मा ने सहारनपुर के मशहूर उद्योगपति गुप्ता बंधुओं के वाहनों को जीरो जोन और हरकी पैड़ी क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति देने पर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने पूरे मामले की जांच की मांग की है। बाबू शर्मा ने आमजन और व्यापारियों की उपेक्षा का भी आरोप लगाया है।
हरिद्वार विकास समिति के अध्यक्ष रवि बाबू शर्मा के अनुसार हरिद्वार महाकुंभ में चारों ओर अव्यवस्थाओं का बोलबाला है। प्रदेश सरकार कुंभ को भव्य और दिव्य आयोजन का दम भर रही है, लेकिन मेला प्रशासन और पुलिस की तानाशाही के चलते आमजन पैदल चलने को मजबूर हैं