शांभवी धाम में बुधवार को अंतरराष्ट्रीय युवा परिषद का प्रथम सम्मेलन में देवभूमि को गैर हिंदुओं से मुक्त करने और सनातन धर्म को मजबूत बनाने पर मंथन हुआ। शंकराचार्य परिषद प्रमुख स्वामी आनंद स्वरूप ने कहा कि परिषद जल्द ही देशभर की चारों शंकराचार्य पीठ पर युवा संतों को बैठाएगी। उन्होंने कहा कि चारों पीठों योग्य एवं युवा संतों की नियुक्ति होनी चाहिए। अखाड़ा परिषद में भी युवा संतों की भागीदारी के लिए शंकराचार्य परिषद ने वकालत की।
परिषद के अध्यक्ष आशीष बलूनी ने सनातन धर्म को मजबूत बनाने में युवाओं की भूमिका और उत्तराखंड में हो रहे पलायन रोकने पर विचार रखे। अध्यक्षता करते हुए शांभवी पीठाधीश्वर एवं शंकराचार्य परिषद के अध्यक्ष स्वामी आनंद स्वरूप ने कहा कि हिमालय में गैर हिंदुओं का प्रवेश वर्जित होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मदन मोहन मालवीय द्वारा 1915 में जो एक्ट लाया गया था, उसमें हरिद्वार में गैर हिंदुओं के जमीन खरीद का कोई अधिकार नहीं था।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड का हिंदू युवा पलायन के लिए मजबूर है। पलायन तभी रुकेगा जबकि सनातन धर्म के मंदिर सनातनियों के पास हों और उससे चलने वाले व्यवसाय पर पूरा अधिकार हिंदुओं का हो। इस दौरान महेश स्वरूप, महामंडलेश्वर राघवेंद्र भारती निरंजनी अखाड़ा रोहतक, काला शाह काले बाबा पीठाधीश्वर, भक्ति भूषण गोविद, गौरव कुमार, नीरज रावत, मुकेश मिश्रा, सचिन अरविंद सिंह राणा आदि मौजूद रहे।