जमीन घोटाला; जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह के निलंबन के बाद IAS मयूर दीक्षित ने संभाला कार्यभार

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हरिद्वार जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह के निलंबन के बाद आज बुधवार को आईएएस मयूर दीक्षित ने कार्यभार ग्रहण किया। इस दौरान उन्होंने बताया कि कानून व्यवस्था और विकास उनकी प्राथमिकता होगी। हरिद्वार में हुए जमीन घोटाले में सरकार ने मंगलवार को डीएम कर्मेन्द्र सिंह, तत्कालीन नगर आयुक्त वरुण चौधरी, तत्कालीन एसडीएम अजयवीर सिंह समेत सात अधिकारियों को निलंबित कर दिया था। इससे पहले पांच पर कार्रवाई हो चुकी है।

मामले की विजिलेंस जांच भी होगी साथ ही जमीन की रजिस्ट्री निरस्त होगी। हरिद्वार नगर निगम ने ग्राम सराय में कूड़े के ढेर के पास अनुपयुक्त 2.3070 हेक्टेयर भूमि को करोड़ों रुपये में खरीदने पर सवाल उठने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रकरण की जांच के आदेश दिए थे। सचिव रणवीर सिंह चौहान ने मामले की प्रारंभिक जांच कर रिपोर्ट 29 मई को ही शासन को सौंपी थी।

जांच रिपोर्ट के आधार पर मुख्यमंत्री ने कार्मिक विभाग को दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए थे। जिस पर कार्मिक एवं सतर्कता विभाग ने मंगलवार को सभी सात आरोपित अधिकारियों को निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए। तत्कालीन नगर आयुक्त वरुण के सभी कार्यों का विशेष ऑडिट होगा। दोनों आईएएस और एक पीसीएस को सचिव कार्मिक एवं सतर्कता विभाग में संबद्ध किया गया है।

ये हुए निलंबित

कर्मेन्द्र सिंह – जिलाधिकारी और तत्कालीन प्रशासक नगर निगम, हरिद्वार

वरुण चौधरी – तत्कालीन नगर आयुक्त, नगर निगम हरिद्वार

अजयवीर सिंह- तत्कालीन, एसडीएम हरिद्वार

निकिता बिष्ट – वरिष्ठ वित्त अधिकारी, नगर निगम हरिद्वार

विक्की – वरिष्ठ वैयक्तिक सहायक

राजेश कुमार – रजिस्ट्रार कानूनगो, तहसील हरिद्वार

कमलदास – मुख्य प्रशासनिक अधिकारी, तहसील हरिद्वार

पूर्व में इन पर हुई थी कार्रवाई

रविंद्र कुमार दयाल- प्रभारी सहायक नगर आयुक्त (सेवा विस्तार समाप्त)

आनंद सिंह मिश्रवाण- प्रभारी अधिशासी अभियंता (निलंबित)

लक्ष्मी कांत भट्ट्- कर एवं राजस्व अधीक्षक (निलंबित)

दिनेश चंद्र कांडपाल- अवर अभियंता (निलंबित)

वेदपाल- संपत्ति लिपिक (सेवा विस्तार समाप्त)

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