हरिद्वार। हरिद्वार में पिछले साल नौ व 10 नवंबर को पथरी के शिवनगर ग्राम पंचायत में 12 ग्रामीणों की हुई मौत स्प्रिट से बनी जहरीली शराब के सेवन से हुई थी। प्रयोगशाला से आई सैंपल की जांच रिपोर्ट से खुलासा हुआ है। स्प्रिट से बनी शराब बेहद जानलेवा होती है।
ग्रामीण इलाकों में बिक्री के लिए कई लोग इसे बनाते हैं। पथरी में भी पंचायत चुनाव से ठीक पहले ग्रामीणों को स्प्रिट से बनी शराब परोसी गई थी। ग्रामीण इलाकों में अवैध शराब बनाई जाती है। पथरी कांड के बाद भी अवैध शराब बनाने का सिलसिला बंद नहीं हुआ है।
आबकारी विभाग पर गिरी थी गाज
आमतौर पर शराब बनाने के लिए एक निश्चित मात्रा में एथेनॉल का इस्तेमाल होता है, लेकिन अवैध शराब बनाने वाले एथेनॉल की जगह स्प्रिट, मिथाइल अल्कोहल, इथाइल अल्कोहल, यूरिया, ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन का इस्तेमाल करते हैं। इससे नशा अधिक होता है और लागत कम आती है।
शिव नगर ग्राम पंचायत के चर्चित शराब कांड में भी स्प्रिट से बनी शराब ही ग्रामीणों को बांटी और परोसी गई थी। शराब पीने से 12 लोगों की मौत से प्रदेशभर में हड़कंप मच गया था और कई लोग बीमार हुए थे। शिव नगर ग्राम पंचायत के फूलगढ़, शिवगढ़ और दुर्गागढ़ गांव के 12 लोगों की मौत पर तत्कालीन एसओ समेत कई पुलिसकर्मियों और आबकारी विभाग पर गाज गिरी थी।
ग्राम प्रधान प्रत्याशी को बनाया था आरोपी
जहरीली शराब बांटने के आरोप में ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ रही बबली देवी व उसके पति बिजेंद्र व जेठ नरेश को आरोपी बनाया गया। तीनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ और जेल में रहते हुए बबली देवी चुनाव जीत गई। बबली देवी का पति बिजेंद्र और जेठ नरेश अभी जेल में ही है।
एसआईटी प्रभारी एवं एसपी क्राइम रेखा यादव ने बताया कि घटना के दौरान शराब के सैंपल लिए गए थे। आबकारी विभाग ने सैंपल जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे थे। उनकी जांच रिपोर्ट आ गई। रिपोर्ट में शराब स्प्रिट से बनी होने का खुलासा हुआ है। शराब कांड के मामले की जांच कर रही एसआईटी तीनों आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है।