दिगम्बर अखाड़े के संत हुए लापता, हरिद्वार में करने जा रहे थे श्रीमद्भागवत कथा; पुलिस कर रही तलाश

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हरिद्वार। जम्मू से ट्रेन में हरिद्वार लौट रहे दिगम्बर अखाड़े के बुजुर्ग संत संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गए। अखाड़े के संतों ने पहले अपने स्तर से महंत पवित्र दास महाराज की तलाश की, कोई सुराग न मिलने पर कनखल थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई।

बुजुर्ग संत को आखिरी बार ऋषिकेश में देखे जाने की जानकारी मिली है। एक पुलिस टीम ऋषिकेश व हरिद्वार में उनकी तलाश कर रही है। पुलिस के मुताबिक, कनखल के बैरागी कैंप स्थित श्री दिगंबर अखाड़ा के 80 साल के संत स्वामी पवित्र दास महाराज पांच दिसंबर को जम्मू से हरिद्वार आने के लिए निकले थे।

हरिद्वार पहुंचने से पहले ही हुआ लापता
संत स्वामी पवित्र दास महाराज को 10 दिसंबर से बैरागी कैंप में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन कराना था, लेकिन संत हरिद्वार नहीं पहुंचे। अखाड़े के संतों ने अपने स्तर से खोजबीन की। उनके मोबाइल पर भी कोई संपर्क नहीं हो पाया। तब संतों की चिंता बढ़ गई और पुलिस को सूचना दी गई।

आखिरी बार ऋषिकेश में दिखे
पुलिस की शुरुआती जांच में पता चला है कि संत को आखिरी बार ऋषिकेश में देखा गया था। तब एक टीम को ऋषिकेश रवाना किया गया। इंस्पेक्टर कनखल अमर चंद्र शर्मा ने बताया कि सभी संभावित जगहों पर संत की तलाश की जा रही है। जल्द ही उन्हें ढूंढ लिया जाएगा।

उठ रहे कई सवाल
दिगंबर अखाड़े के बुजुर्ग संत स्वामी पवित्र दास महाराज के लापता होने से ज्यादा उनके लापता होने के समय को लेकर संत जगत में कई तरह की चर्चाएं बनी हुई हैं। दरअसल, दिगंबर अखाड़े की ओर से 10 दिसंबर से श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ का आयोजन कराया जाना था।

करोड़ों का होना था आयोजन
करोड़ों के बजट वाले इस आयोजन का पूरा जिम्मा स्वामी पवित्र दास महाराज ने संभाला हुआ था। आयोजन के लिए विशालकाय पंडाल भी लगना शुरू हो गया था। कई राज्यों से भक्त-श्रद्धालु भी पहुंचने लगे थे, ऐसे में रहस्यमयी हालात में संत के लापता होने से कई सवाल खड़े हो रहे हैं।

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