उत्तराखंड का हिमालयन गोटमीट ‘बकरा’ अब दुबई में भी बिकेगा। प्रदेश को गोटमीट एक्सपोर्ट का पहला बड़ा ऑर्डर मिला है। पहले चरण में उत्तराखंड से 10 हजार किलो (10 मीट्रिक टन) गोटमीट दुबई एक्सपोर्ट किया जाएगा। भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय के जरिये प्रदेश को यह ऑर्डर मिला है। इसके अलावा दिल्ली-एनसीआर के 28 स्टोर्स पर भी अब इस गोटमीट की बिक्री होगी। इसके लिए एमओयू की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।
भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय के अधीन एग्रीकल्चरल एंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी (अपेडा) के माध्यम से प्रदेश को यह ऑर्डर मिला है। बनारस स्थित कार्यालय के अधिकारी कुछ दिन पूर्व दुबई के एक्सपोर्टर्स को लेकर उत्तराखंड पहुंचे थे। यहां उन्होंने बकरी पालन के पूरे सिस्टम का जायजा लिया।
गुणवत्ता से प्रभावित होने के बाद उन्होंने लगातार एक्सपोर्ट पर सहमति जताई है, जिसके तहत पहले चरण में 10 मीट्रिक टन गोटमीट एक्सपोर्ट किया जाएगा, जिसकी कीमत 75 लाख रुपये है। अभी तक देहरादून में मीट ऑन व्हील्स के माध्यम से हिमालयन गोटमीट की बिक्री हो रही थी। अब दिल्ली-एनसीआर मार्केट के 28 स्टोर्स में भी गोटमीट की बिक्री होगी। इसको लेकर भी सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं।
राज्य सरकार की इस योजना से प्रदेशभर के सैकड़ों पशुपालक जुड़े हैं। इसके तहत उन पशुपालकों को 10 बकरी व एक बकरा दिया जाता है, जो पहले से बकरी पालन कर रहे हैं। योजना के तहत 80 फीसदी लोन और 20 फीसदी सब्सिडी का प्रावधान है।
योजना के बेहतर क्रियान्वन और गोटमीट के उत्पादन में बढ़ोतरी व मार्केटिंग के लिए गांव स्तर पर सहकारी समिति, क्लस्टर और राज्य स्तर पर फेडरेशन का गठन किया गया है। उत्तराखंड भेड़-बकरी फॉर्मर्स कॉपरेटिव फेडरेशन के एमडी डॉ. अविनाश आनंद ने बताया कि करीब 1100 किसान 22 हजार से ज्यादा बकरियों का पालन कर रहे हैं।
प्राकृतिक परिवेश में पलती हैं बकरियां
‘बकरा’ की कीमत सामान्य मीट से कुछ अधिक है। डॉ. आनंद ने बताया कि यह बकरियां प्राकृतिक परिवेश में पलती हैं। प्राकृतिक जड़ी-बूटियां और बुग्यालों में घास खाती हैं, इससे इनका मीट ज्यादा पौष्टिक और स्वादिष्ट होता है। बकरों को काटने से लेकर पैक करने तक में साफ-सफाई और गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा जाता है। देहरादून में इसकी होम डिलीवरी की जा रही है, जिसे लोग पसंद भी कर रहे हैं।
दुबई के एक्सपोर्टर्स ने गोटमीट के अलावा पारंपरिक दालों, अनाज व अन्य उत्पादों में भी अपनी दिलचस्पी दिखाई है। इसके लिए उनकी हिलांस से बातचीत चल रही है। साथ ही प्रदेश के डेयरी उत्पाद और ट्राउट मछली को भी एक्सपोर्ट किया जाएगा। दुबई में इसके लिए बड़ा मार्केट भी है। इसके अलावा दिल्ली और एनसीआर के स्टोर्स में भी यह उत्पाद बिक्री के लिए उपलब्ध रहेंगे।
– डॉ. आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव, पशुपालन