धर्म संसद मामले में संतों पर दर्ज मुकदमों के विरोध में रैली करेगा संत समाज

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रुड़की। हरिद्वार में हुई धर्म संसद में शामिल सतों पर दर्ज मुकदमों के विरोध में 16 जनवरी को हरिद्वार में कृतिकार रैली का आयोजन किया जाएगा। उक्त जानकारी रुड़की में आयोजित पत्रकार वार्ता में संतों ने दी। उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को निशाने पर लेते हुए कहा कि ऐसे मुख्यमंत्री की आवश्यकता नहीं है जो जेहादियों के डर से संतों पर मुकदमा दर्ज कवाए। संतों ने कहा कि वह गांव-गांव और शहर-शहर में अभियान चलाकर मुख्यमंत्री के खिलाफ लोगों को जागरूक करेंगे।

रुड़की के आदर्श नगर स्थित एक बैंकट हाल में आयोजित पत्रकार वार्ता में स्वामी सागर सिंधु महाराज ने कहा धर्म संसद पर धर्मगुरुओं द्वारा दिए गए सुझावों को विश्वपटल पर गलत तरीके से प्रस्तुत किया जा रहा है। कहा कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने जेहादियों के डर से संतों पर एफआइआर दर्ज करवाई। और कुछ माहौल खराब करने वाले लोगों की तहरीर पर मुकदमों में एक के बाद एक नाम जोड़े जा रहे हैं। जबकि संतों की एफआइआर पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। कहा कि अलीगढ़ के एक नेता ने इस संसद को आतंकी संसद कहा है। उसे संत चेतावनी देते हैं कि वह लोग स्वयं सांप्रदायिकता को बढ़ावा देते हैं। कहा कि संतों का मुस्लिमों से झगड़ा नहीं है, बल्कि झगड़ा जेहादियों से है। कहा कि हमें जेहादियों से सावधान रहने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि 16 जनवरी को हरिद्वार स्थित बैरागी कैंप में विशाल कृतिकार रैली का आयोजन किया जाएगा। जिसमें 127 मतावलंबियों को आमंत्रित किया गया है। इसके साथ ही तमाम हिन्दू समाज को आमंत्रित किया गया है। कहा कि इस रैली के बाद संत प्रदेश के प्रत्येक गांव और शहर में जाकर मुख्यमंत्री के खिलाफ लोगों को जागरूक करेंगे कि ऐसे मुख्यमंत्री की प्रदेश को आवश्यकता नही हैं। कहा कि उन्हें सरकार से कोई शिकायत नहीं है, सिर्फ मुख्यमंत्री से ही शिकायत है।

स्वामी सत्यव्रतानंद ने कहा कि शासन प्रशासन ने गलत तरीके से एफआरआइ दर्ज की है। इस मामले में वह संतों से बात कर सकते थे। कहा कि धर्म संसद में कही गयी एक-एक बात सत्य है। स्वामी विनोद ने कहा कि हरिद्वार में हुई धर्म संसद को कुछ लोगों ने गलत बताकर उसे गलत तरीके से पेश किया। कहा डबल इंजन सरकार को जागना चाहिए। वरना संत सड़क पर उतरने को मज़बूर होंगे। पत्रकार वार्ता में देवेंद्र पाल, पद्म गिरी आदि मौजूद रहे।

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