हरिद्वार। हरिद्वार के ज्वालापुर क्षेत्र में एटीएम के सुरक्षाकर्मी रोहित हत्याकांड में कोर्ट ने आरोपी महिला मीना त्यागी, उसके पति संजय त्यागी और नागेंद्र उर्फ अंबुज को दोषी करार दिया है। प्रथम अपर जिला जज संजीव कुमार ने महिला समेत तीनों को आजीवन कारावास और 25-25 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड जमा न करने पर प्रत्येक को एक वर्ष की अतिरिक्त सजा भुगतने के आदेश दिए हैं।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सुकर्मपाल सिंह अढानिया के अनुसार 16 अगस्त 2012 को एचडीएफसी बैंक के एटीएम का सुरक्षा कर्मी रोहित शाम साढ़े पांच बजे अपनी बाइक से डयूटी पर गया था। लेकिन ड्यूटी के बाद घर नहीं लौटा था। परिजनों के काफी तलाश करने के बाद भी उसका पता नहीं चला था। उसके पिता शिकायतकर्ता चंद्रपाल सिंह ने ज्वालापुर पुलिस में अपने पुत्र रोहित की गुमशुदगी दर्ज कराई थी।
इस घटना के बीस दिन के बाद शिकायतकर्ता ने आरोपी महिला मीना त्यागी, उसके पति संजय त्यागी पुत्र श्यामलाल त्यागी निवासी दादुपुर सलेमपुर, मूल निवासी सरोदा पांडे थाना बड़गांव जिला सहारनपुर यूपी, नागेंद्र सिंह उर्फ अंबुज पुत्र आमोद कुमार निवासी कौशल्या थाना चांदपुर जिला बिजनौर यूपी, पूरन सिंह त्यागी व युवती लाली और एक किशोर पर हत्या व साक्ष्य मिटाने का केस दर्ज कराया था।
केस की विवेचना के अनुसार महिला मीना त्यागी ने फोन कर रोहित को अपने घर बुलाया था। जहां सभी आरोपियों ने मिलकर सुरक्षा कर्मी रोहित की गला घोंटकर हत्या कर दी थी। उसके शव को गंगनहर में फेंक दिया था। पुलिस ने मामले में जांच के बाद सभी हत्यारोपियों के खिलाफ आरोपपत्र कोर्ट में दाखिल किया था। इससे पूर्व पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार जेल भेज दिया था। सरकारी अधिवक्ता ने साक्ष्य में दस गवाह पेश किए।
बाइक और जूते हुए थे बरामद
पुलिस ने किशोर और आरोपी नागेंद्र उर्फ अंबुज की निशानदेही पर रोहित की बाइक बरामद की थी। इन दोनों ने ही उसकी रस्सी से गला घोंटकर हत्या की थी। हत्यारोपी संजय त्यागी ने पुलिस को मृतक युवक के जूते और हेलमेट बरामद कराए थे।
प्रेम प्रसंग की वजह से रंजिश रखते थे दोषी
सुरक्षा कर्मी रोहित और युवती लाली में प्रेम प्रसंग था। जिस वजह से हत्यारोपी संजय त्यागी और अन्य रोहित से रंजिश रखने लगे। सभी ने मिलकर रोहित की हत्या कर दी थी।
युवती बनी सरकारी गवाह
हत्याकांड की चश्मदीद गवाह और घटना के वक्त मौजूद युवती लाली सरकारी गवाह बन गई। जिस पर युवती ने मजिस्ट्रेट को दिए धारा164 सीआरपीसी के बयान में घटना की पूरी सच्चाई बताई थी। लेकिन कोर्ट में गवाही देते हुए युवती मजिस्ट्रेट को दिए बयानों से मुकर गई थी। हालांकि, कोर्ट ने मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए गए बयानों पर जोर दिया।
किशोर की पत्रावली भेजी गई थी किशोर न्याय बोर्ड
हत्यारोपी पूरन सिंह त्यागी की केस विचारण के दौरान मृत्यु हो गई थी। जिसपर विचारण कोर्ट ने हत्यारोपी पूरन सिंह त्यागी के विरुद्ध कार्यवाही समाप्त कर दी थी। जबकि किशोर की पत्रावली किशोर न्याय बोर्ड स्थान्तरित कर दी गई थी।