हरिद्वार। गंगा रक्षा से जुड़ी चार मांगों को लेकर मातृसदन के बह्मचारी आत्मबोधानंद ने हरिद्वार में मंगवार को अनशन शुरू कर दिया। मांग पूरी न होने तक वह अनिश्चितकाल के लिए अनशन पर रहेंगे। बह्मचारी आत्मबोधानंद की उम्र करीब 26 साल है। बांध, खनन परियोजना बंद करने, पांच किमी की दूरी पर स्टोन क्रशर की अनुमति और गंगा भक्त परिषद की मांग को लेकर वह अनशन कर रहे हैं।
ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद ने 23 फरवरी से ज्ञान स्वरूप सानंद की मांगों को पूरा कराने के लिए तपस्या शुरू करने की घोषणा की थी। मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने कहा कि अगर सानंद की मांगें मान ली जातीं तो चमोली त्रासदी नहीं होती।
हरिद्वार स्थित मातृसदन में पत्रकारों से वार्ता करते हुए मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने कहा कि प्रो. ज्ञान स्वरूप सानंद की मांगें मान ली जातीं तो आज चमोली त्रासदी नहीं होती। उन्होंने इस मामले की एसआईटी जांच के साथ दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
परमाध्यक्ष ने कहा कि प्रोफेसर सानंद की चार मांगों मंदाकिनी, अलकनंदा, भागीरथी और उनकी सहायक नदियों पर बनने वाले सभी प्रस्तावित और निर्माणाधीन बांधों को निरस्त करने, रायवाला से राय घटी तक खनन बंदी का नोटिफिकेशन, गंगा से पांच किलोमीटर दूर स्टोन क्रशर को करने के अलावा गंगा भक्त परिषद बनाने की मांग को लेकर तपस्या की और अपने प्राण त्याग दिए थे। उनकी मांगों को क्रियान्वित करने के लिए दोबारा तपस्या शुरू की जा रही है।