उत्तराखंड में रुड़की के कुमराड़ा गांव में तालाब की भूमि से मूर्ति हटाने पर बवाल हो गया। मूर्ति हटाने गई पुलिस-प्रशासन की टीम पर ग्रामीणों ने पथराव कर दिया, जिससे मौके पर भगदड़ मच गई। पथराव में इंस्पेक्टर, तीन पुलिसकर्मी और जेसीबी चालक घायल गए।
बवाल बढ़ता देख आसपास के थानों से भी पुलिस फोर्स बुलानी पड़ी। इसके बाद पुलिस ने लाठियां भांजकर ग्रामीणों को दौड़ाया। साथ ही बल प्रयोग कर तालाब की भूमि से मूर्ति हटवाई। मामले में पुलिस ने 26 नामजद और 100 से अधिक अज्ञात ग्रामीणों के खिलाफ केस दर्ज किया है।
मंगलौर कोतवाली क्षेत्र के कुमराड़ा गांव निवासी कुछ ग्रामीणों ने अपर उपजिलाधिकारी (एएसडीएम) पूरण सिंह राणा से तालाब की सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा कर मूर्ति स्थापित करने की शिकायत की थी। इस पर प्रशासन ने ग्रामीणों को समझाकर मूर्ति हटाने की बात कही, लेकिन ग्रामीणों ने इनकार कर दिया था। काफी समझाने के बाद भी वे जिद पर अड़े रहे।
बृहस्पतिवार को नायब तहसीलदार सुरेश पाल सैनी के नेतृत्व में कानूनगो राजकुमार और लेखपाल ओमप्रकाश पुलिस टीम को साथ लेकर जेसीबी से मूर्ति हटवाने पहुंचे। इस पर ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई और वे विरोध करने लगे। पुलिस और प्रशासन की टीम ने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह हंगामा करने लगे।विरोध के बीच मूर्ति हटाने का प्रयास किया तो ग्रामीणों ने पुलिस और प्रशासन की टीम पर पथराव कर दिया। वहीं, पथराव में मंगलौर कोतवाली प्रभारी यशपाल सिंह बिष्ट, हेड कांस्टेबल ललिता खंडेलवाल, कांस्टेबल पवन पुंडीर और जेसीबी चालक विरम सिंह घायल हो गए, जिन्हें अस्पताल में उपचार दिलाया गया। सूचना पर आसपास के थानों और पीएसी के जवानों को भेजा गया।पुलिस ने लाठियां भांजकर भीड़ को तितर-बितर किया और कड़ी सुरक्षा के बीच मूर्ति को हटवाया गया। कोतवाली प्रभारी ने बताया कि नायब तहसीलदार सुरेश पाल सैनी की तहरीर पर जानलेवा हमला, बलवा, मारपीट, सरकारी कार्य में बाधा, गालीगलौज करने के मामले में ओमप्रकाश, अमित, बृजेश, चमनी सहित 26 लोगों को नामजद कर 100 से अधिक अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। हमलावरों की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।