रातों-रात हरिद्वार के दो मजदूरों के खाते में आए 90 लाख, राजस्थान से पहुंची पुलिस तो मच गया हंगामा

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हरिद्वार : हरिद्वार के दो मजदूरों के खातों में 90 लाख रुपये आ गए। जब राजस्‍थान पुलिस की टीम उनके घर पहुंची तो सारा मामला सामने आ गया।

हुआ यूं कि 90 लाख रुपये की साइबर ठगी के मामले में दो युवकों को पकड़ने हरिद्वार पहुंची राजस्थान पुलिस की साइबर सेल की एक टीम को स्वजन ने घेर लिया। मामला ज्वालापुर कोतवाली की रेल पुलिस चौकी और फिर कोतवाली पहुंचने पर कांग्रेस नेताओं ने भी विरोध जताया।

उनका कहना था कि दोनों युवक मजदूरी करते हैं और लोन देने की आड़ में उनके नाम से खाते खोलने वालों को गिरफ्तार किया जाए। पुलिस टीम ज्वालापुर कोतवाली में ही युवकों से पूछताछ करने में जुटी रही।

राजस्थान में हुई थी 90 लाख रुपये की साइबर ठगी
पुलिस के मुताबिक, राजस्थान के जयपुर से साइबर सेल की एक पुलिस टीम हरिद्वार पहुंची और लोकल पुलिस को बताया कि उनके यहां 90 लाख रुपये की साइबर ठगी हुई है।

यह रकम हरिद्वार में युवकों के बैंक खातों में आई है। पुलिस ने पहले कनखल और फिर ज्वालापुर क्षेत्र से दो युवकों को हिरासत में लिया। ज्वालापुर के मोहल्ला कड़च्छ में युवक को हिरासत में लेने पर स्वजनों ने विरोध किया।

राजस्थान पुलिस युवकों को लेकर जाने लगी। इनमें एक युवक महापौर अनिता शर्मा के पति अशोक शर्मा के कार्यालय पर कर्मचारी बताया गया है। सूचना मिलने पर अशोक शर्मा सहित कई कांग्रेस नेता पहले रेल चौकी और फिर कोतवाली ज्वालापुर पहुंच गए। ज्वालापुर विधायक रवि बहादुर, नितिन तेश्वर, जोनी राजौर, मोहित त्यागी आदि भी कोतवाली आ गए।

कांग्रेसियों का कहना था कि दोनों युवक मजदूरी करते हैं और टूटे-फूटे मकान में रहता है। यदि उन्हें धोखाधड़ी करनी होती तो अपने नाम से खाते क्यों खोलते। खाते खोलने वाले लोग भी ज्वालापुर में मौजूद हैं, इसलिए राजस्थान पुलिस उन्हें गिरफ्तार करे।

ज्वालापुर कोतवाली प्रभारी आरके सकलानी ने बीच बचाव कराते हुए शांत कराया। काफी समझाने पर राजस्थान पुलिस कोतवाली में ही युवकों से पूछताछ के लिए राजी हुई। कोतवाली प्रभारी आरके सकलानी ने बताया कि राजस्थान पुलिस युवकों से पूछताछ कर रही है।

खाते खोलने वालों को क्यों नहीं पकड़ा
युवकों का कहना था कि ज्वालापुर निवासी एक युवक ने 50 हजार रुपये का लोन दिलाने का दावा किया। उसका कहना था कि लोन के सिर्फ 40 हजार रुपये लौटाने है। 10 हजार की बचत का लालच देखकर वह खाता खुलवाने के लिए राजी हो गए।

तब एक युवक लैपटाप लेकर आया और उनके दस्तावेज लेकर सड़क पर खड़े-खड़े खाते खोलते हुए एटीएम और पासबुक खुद अपने पास रख ली थी। उन्हें बैंक खातों के लेनदेन के बारे में जानकारी नहीं है।

युवकों और कांग्रेस नेताओं ने पूरी कहानी राजस्थान पुलिस को बताई और पुलिस ने उनसे पूछताछ भी की, पर उन्हें नहीं पकड़ा गया। इस पर सवाल उठ रहे हैं।

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