रुड़की: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) रुड़की ने भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम (बीआइएस), 2016 के तहत स्थापित भारत के राष्ट्रीय मानक निकाय, भारतीय मानक ब्यूरो के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके अंतर्गत मानकीकरण और अनुरूपता मूल्यांकन के क्षेत्र में एक अध्यक्ष की नियुक्ति की जाएगी। इसके लिए ब्यूरो आइआइटी रुड़की को वित्तीय सहायता प्रदान करेगा।
आइआइटी रुड़की और बीआइएस के बीच आनलाइन हुए समझौता ज्ञापन के दौरान संस्थान के निदेशक प्रो. अजित कुमार चतुर्वेदी ने कहा कि संस्थान मानकों के महत्व के बारे में जागरूकता में सुधार के लिए बीआइएस के साथ पार्टनरशिप करके उत्साहित है। बीआइएस चेयर प्रोफेसरशिप अकादमिक और साथ ही उद्योग में मानकों के कारण को आगे बढ़ाने में एक लंबा सफर तय करेगी। बताया कि बीआइएस मानकों को स्थापित करने के लिए आइआइटी कानपुर के साथ भी पार्टनरशिप की गई है। यह आइआइटी की ओर से विकसित ई-गवर्नेंस के ब्लाक चेन एप्लीकेशन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर मानकों को समान रूप से स्थापित करने में मदद करेगा। भारतीय मानक ब्यूरो के महानिदेशक प्रमोद कुमार तिवारी ने कहा कि बीआइएस स्टैंडर्डजेशन चेयर प्रोफेसर कार्यकाल के तहत विकासशील मानकों में मौजूदा अनुसंधान और विकास परियोजनाओं के आउटपुट के एकीकरण की पहचान करेगा। साथ ही, संस्थान के पाठ्यक्रम में भारतीय मानकों के एकीकरण को बढ़ावा देंगे और संस्थान में मानकीकरण पर अल्पकालिक पाठ्यक्रम भी शुरू करने में मदद करेंगे। यह इनोवेशन को प्रोत्साहित करने और मानकों के अनुपालन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया जाएगा।
विभिन्न क्षेत्रों में प्रदान किया जाएगा नेतृत्व
रुड़की: आइआइटी रुड़की और बीआइएस के बीच हुए समझौता ज्ञापन के अंतर्गत देश में मानकीकरण और अनुरूपता मूल्यांकन के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास, शिक्षण और प्रशिक्षण के लिए बीआइएस स्टैंडर्डजेशन चेयर सिविल, इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, केमिकल, भूकंप इंजीनियरिग, जल संसाधनों का विकास एवं प्रबंधन और नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाएं, बुनियादी ढांचा विकास, चिकित्सा जैव प्रौद्योगिकी और नैनो प्रौद्योगिकी, जैव सामग्री जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित होगा। साथ ही नेतृत्व भी दिया जाएगा।