रेलवे ट्रैक पर जान गवाने वाले चारो दोस्त थे घर के इकलौते चिराग

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देहरादून। हरिद्वार में जमालपुर फाटक के रेलवे ट्रैक पर ट्रायल के दौरान ट्रेन कटने वाले चारों युवक अपने घर के इकलौते चिराग थे। चारों युवकों की शिनाख्त विशाल चौहान (24) पुत्र अरविंद चौहान, मयूर चौहान (25) पुत्र शशीपाल चौहान, प्रवीण चौहान (25) पुत्र अशोक चौहान और हैप्पी उर्फ गोलू (24) पुत्र प्रमोद चौहान सभी निवासी सीतापुर के रूप में हुई। कनखल में करीब एक बजे चारों युवकों का अंतिम संस्कार हुआ। पोस्टमार्टम हाउस से सभी के शवों को सीधी कनखल स्थित मोक्षधाम ले जाया गया। जहां पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। 

चारों युवकों की एक-एक बड़ी बहन है। हादसे के बाद चारों युवकों की बहनों का रो रोकर बुराहाल है। वह बार-बार लोगों से यही सवाल कर रही थीं कि अब किसकी कलाई पर राखी बांधेंगी। गुरुवार शाम को हादसे में मारे गए विशाल, मयूर, प्रवीण और हैप्पी के बीच गहरी दोस्ती थी। चारों अपने घर के इकलौते चिराग थे। संयोग देखों चारों की बड़ी बहनें हैं।

 चारों हादसे का शिकार हुए तो एक साथ चार घरों के चिराग बुझ गए।  क्षेत्रवासियों का कहना है कि चारों की युवकों को उनके माता-पिता ने बड़े लाड़ प्यार से पाला था। बताते हैं कि घर के अकेले बेटे होने के कारण माता-पिता उनकी हर ख्वाहिश पूरी करते थे। विशाल की बहन रोते हुए अपने भाई को वापस लाने की गुहार परिवार के लोगों से लगा रही थी। हर किसी का कहना था कि माता-पिता की बुढ़ापे की लाठी टूट गई है। 

शुक्रवार को सीतापुर वार्ड दूसरे दिन भी शोक में डूबा रहा। यहां अधिकांश घरों में चूल्हे नहीं जले। हर घर में चार युवकों की एक साथ मौत की चर्चा थी। जैसे ही हादसे की सूचना मिली तो वार्ड में कोहराम मच गया। पूरी रात यहां के लोग सो नहीं पाए। अधिकांश घरों में चूल्हे नहीं जले। जिसने सुना वहीं प्रभावित परिवारों के घर पहुंच गया। शुक्रवार को भी यहां के लोग शोक में डूबे थे। चारों युवकों के घर आसपास ही होने के कारण रोने और चिखने की आवाजें सुनाई देती रही। 

बृहस्पतिवार को घटना के बाद ज्वालापुर पुलिस दो युवकों के चेहरे की फोटो खिंची थी। इसी आधार पर दो की पहचान हो पाई थी। जबकि दो के चेहरे बुरी तरह से कुचल गए थे और उनकी पहचान नहीं हो पाई थी। लोगों ने फोटो के आधार पर बताया कि एक युवक विशाल चौहान और दूसरा हैप्पी उर्फ गोलू है। देर रात तक जब दो अन्य युवक घर नहीं लौटे तो परिजनों ने पुलिस को बताया कि मयूर चौहान व प्रवीण चौहान भी उनके साथ ही गए थे। इसके बाद कपड़ों के आधार पर इन दोनों की पहचान हो पाई। 

प्रवीण व हैप्पी की दो दिन पहले ही एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी लगी थी। परिवार में इसको लेकर भी खुशी का माहौल था। मगर पल भर में नौकरी की खुशियां गम में तब्दील हो गई। विशाल चौहान गुरुकुल से बीफार्मा की पढ़ाई कर रहा था। जबकि प्रवीण व हैप्पी ने राजकीय आईटीआई से अपनी पढ़ाई पूरी की थी। वहीं मयूर चौहान चिन्यम काॅलेज से बीएससी कर रहा था।

 

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