हरिद्वार। गंगा रक्षा संबंधी मांगों को पूरा कराने के लिए आमरण अनशन कर रहे मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती आज से एक गिलास जल ही ग्रहण करेंगे। उन्होंने मांगों के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र भेजा है।
गंगा रक्षा के लिए मातृ सदन के संत आमरण अनशन कर रहे हैं। मातृ सदन के ब्रह्मचारी संत आत्मबोधानंद 23 फरवरी से अनशन कर रहे हैं। 13 मार्च से परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती भी अनशन कर रहे हैं। परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद अपने अनशन के दौरान 27 मार्च से दिनभर में महज दो गिलास जल ग्रहण कर रहे हैं।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मांगों के संबंध में भेजे पत्र में कहा है कि वह एक अप्रैल से महज एक गिलास सादा जल ग्रहण करेंगे और महाकुंभ में मांग पूरी न होने पर अपने प्राण त्याग देंगे।
गंगा रक्षा संबंधी मांगों को पूरा कराने के लिए तप कर रहे शिवानंद
बता दें कि ब्रह्मलीन पूर्व प्रोफेसर ज्ञान स्वरूप सानंद की गंगा रक्षा संबंधी मांगों को पूरा कराने के लिए तप कर रहे मातृसदन के ब्रह्मचारी संत आत्मबोधानंद को प्रशासन ने उठाकर अस्पताल में भर्ती करा दिया गया था। वहीं, उन्हें उठाने के साथ ही परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती ने अपना तप शुरू कर दिया था।
गंगा रक्षा के लिए आत्मबोधानंद ने जगजीतपुर स्थित मातृसदन आश्रम में 23 फरवरी से अपना तप शुरू कर दिया था। इस तप के दौरान वह नमक, नींबू, शहद के साथ जल भी ग्रहण कर रहे थे, लेकिन मांग न मानने पर आत्मबोधानंद ने आठ मार्च से जल समेत सबकुछ त्याग दिया था।
जिससे उनका वजन गिरने के साथ ही उनका स्वास्थ्य भी बिगड़ता जा रहा था। उनका वजन 63 किलोग्राम से घटकर 56 किलोग्रमा पर आ गया था। जिससे जल त्याग के छठवें दिन और पूरे तप के 19 वें दिन एसडीएम गोपाल सिंह चौहान व तहसीलदार आशीष घिल्डियाल ने पुलिस के साथ आश्रम में पहुंचकर उन्हें वहां से उठाकर कनखल स्थित रामकृष्ण मिशन अस्पताल में भर्ती करा दिया था।