हरिद्वार। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत आज हरिद्वार में कुंभ कार्यों का स्थलीय निरीक्षण और समीक्षा बैठक करेंगे। मुख्यमंत्री के दौरे के बीच पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी कुंभ के लिए पर्याप्त बजट नहीं देने का आरोप लगाकर हरिद्वार पहुंचकर गंगा किनारे मौन साधना करने का एलान किया है। इससे सियासी गलियारों में हलचल मचने के साथ ही पुलिस प्रशासन की नींद उड़ गई है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार, गुरुवार को उनका हेलीकाप्टर राजा महेंद्र प्रताप पीजी कॉलेज नारसन में उतरेगा। मुख्यमंत्री नारसन से रुड़की के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग पर हो रहे निर्माण कार्यों का निरीक्षण करेंगे। सुबह 10.30 बजे कार से कोर कॉलेज रुड़की पहुंचेंगे। यहां से 11 बजे कुंभ क्षेत्र हरिद्वार के लिए रवाना होंगे।
मुख्यमंत्री हरिद्वार में रानीपुर झाल स्थित पुल, यूपीसीएल के 33/31 केवी विद्युत उप संस्थान और जगजीतपुर-ललतारौ पुल का लोकार्पण करेंगे। बैरागी कैंप के निर्माणाधीन चार पुलों और भूपतवाला स्थित सूखी नदी पर बन रहे पुल, आस्था पथ, हरकी पैड़ी के नवीनीकरण एवं सौंदर्यीकरण कार्यों का निरीक्षण करेंगे।
सीसीआर सभागार में कुंभ कार्यों की समीक्षा करेंगे सीएम
सीएम दोपहर 12.30 बजे सीसीआर सभागार में कुंभ कार्यों की समीक्षा करेंगे। दूसरी तरफ, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने फेसबुक पर पोस्ट डालकर गुरुवार को मौन साधना पर बैठने का एलान किया है। पूर्व सीएम से कहा कि प्रयागराज और उज्जैन कुंभ के मुकाबले हरिद्वार के लिए बहुत कम धन आवंटित किया गया है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने फेसबुक पर लिखा है कि ‘दोपहर एक से दो बजे तक किसान घाट पर मौन साधना करूंगा। मां गंगा से प्रार्थना करूंगा कि वो केंद्र और राज्य सरकार को सद्बुद्धि दे कि कुंभ के लिए पर्याप्त धन की व्यवस्था करें। मौन साधना के बाद हरकी पैड़ी पर मां गंगा की पूजा करूंगा।’ उन्होंनेे कांग्रेसियों से आग्रह किया यह उनका एकांकी कार्यक्रम है और इसमें शामिल न हों।
अधिकारियों ने व्यवस्थाओं को परखा
सीएम के दौरे को देखते हुए बुधवार को जिलाधिकारी सी रविशंकर, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नमामी बंसल, एसपी देहात एसके सिंह, सीओ मंगलौर अभय सिंह ने नारसन क्षेत्र का निरीक्षण किया।
साथ ही हेलीपैड पर सुरक्षा व्यवस्था परखी। जिलाधिकारी सी रविशंकर ने बताया कि सीएम नारसन से रुड़की और कोर कॉलेज तक कुंभ के मद्देनजर किए गए कार्यों का निरीक्षण करेंगे। साथ ही प्रशासन की एक टीम भी कार्यों का बारीकि से निरीक्षण कर जांच करेगी। यदि कहीं कमी पाई जाएगी तो उसे जल्द पूरा कराया जाएगा।