हरिद्वार में कोरोना के बढ़ते प्रसार को देखते हुए 10 मई तक कोविड कर्फ्यू लागू है। पुलिस-प्रशासन शहर में बेवजह घूमने वालों और चोरी छिपे दुकानें खोलकर सामान बेचने वालों का चालान कर रहा है, लेकिन हरकी पैड़ी क्षेत्र में कोविड प्रोटोकाल की अनदेखी हो रही है।
हरकी पैड़ी एवं आसपास के घाटों पर अस्थि विसर्जन करने वालों की भीड़ उमड़ रही है। उत्तराखंड ही नहीं कई राज्यों से लोग अपनों की अस्थियां लेकर पहुंच रहे हैं। इनमें कई लोग शारीरिक दूरी का पालन तो दूर मास्क तक नहीं पहन रहे हैं। महाकुंभ के बाद से हरिद्वार में कोविड ने रफ्तार पकड़ी है। 26 अप्रैल से चरणबद्ध तरीके से कोविड कर्फ्यू लागू है। अब दस मई तक पूरे जिले में कर्फ्यू लागू है। पुलिस-प्रशासन कर्फ्यू का पालन भी करवा रहा है, लेकिन हरकी पैड़ी क्षेत्र में कोविड प्रोटोकाल की अनदेखी हो रही है।
घाटों पर पुलिस भी नजर नहीं आ रही है। कोविड की दहशत से भले ही श्रद्धालु स्नान के लिए नहीं आ रहे हैं, लेकिन अस्थि विसर्जन करने वालों की भीड़ उमड़ रही है। इनमें नॉन कोविड और कोविड से दम तोड़ने वालों की अस्थियां शामिल हैं।अस्थि विसर्जन पर रोक नहीं है, लेकिन कोविड प्रोटोकाल का पालन करना सभी के लिए अनिवार्य है। शुक्रवार को हरकी पैड़ी क्षेत्र में कर्मकांड और स्नान करने वालों की काफी भीड़ रही। लोगों ने कर्मकांड कर अपनों की अस्थियां प्रवाह कर गंगा में डुबकी लगाई। इस दौरान शारीरिक दूरी का पालन और मास्क पहनने की किसी में चिंता नहीं दिखी। कई लोग तो खांसते और छींकते भी नजर आए। इससे संक्रमण का प्रसार तेज होने का खतरा है।