हरिद्वार। दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक मेले महाकुंभ में श्रद्धालुओं को हरिद्वार कुंभ क्षेत्र में आस्था की डुबकी लगाने के लिए भरपूर जल मिलेगा। टीएचडीसी ने यूपी सिंचाई विभाग की मांग के अनुसार कुंभ मेले के लिए अतिरिक्त पानी छोड़ने की तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है। टीएचडीसी का दावा है कि टिहरी झील में कुंभ मेले के दौरान देवप्रयाग से लेकर हरिद्वार तक सभी गंगा घाटों के लबालब भरने के लिए पर्याप्त पानी है।
हरिद्वार कुंभ मेले का श्रीगणेश अगले महीने 14 जनवरी को पड़ रही मकर संक्त्रसंति के पर्व से हो जाएगा। कुंभ पर्व पर जीवनदायिनी मां गंगा में आस्था की डुबकी लगाकर आचमन करने का साधु-संत और श्रद्धालुओं को बेसब्री से इंतजार रहता है। पौराणिक मान्यता है कि कुंभ में गंगा स्नान करने से व्यक्ति के पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
यही कारण है कि कुंभ मेले में संगम तटों पर डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ता है। दरअसल, सर्दी के दिनों में कम बारिश और उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी होने के कारण नदियों का जलस्तर कम हो जाता है। यही कारण है कि मंगलवार को भागीरथी नदी में 79 क्यूमेक्स और भिलंगना नदी में 10.26 क्यूमेक्स पानी दर्ज किया गया। ऐसे में कुंभ मेला में गंगा घाटों पर पानी की कमी न हो, इसके लिए यूपी सिंचाई विभाग ने टीएचडीसी को कुंभ मेले के दौरान 160 क्यूमेक्स से लेकर 240 क्यूमेक्स के बीच पानी छोड़ने की मांग भेजी है। टीएचडीसी प्रशासन ने भी कुंभ मेला में पानी छोड़ने के लिए तैयारियां पूरी कर ली हैं।
वर्तमान में टिहरी झील का जल स्तर 813 आरएल मीटर है। वर्तमान में टिहरी झील से 250 क्यूमेक्स पानी छोड़ा जा रहा है। टीएचडीसी के अधिकारियों के मुताबिक झील में कुंभ मेले के लिए भरपूर पानी है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि कुंभ पर्व पर संगम तट पर आने वाला हर श्रद्धालु पुण्य स्नान करके मां गंगा की असीम कृपा महसूस कर सकेगा।
कुंभ मेला में मांग के अनुसार पानी छोड़ा जाएगा। टिहरी झील में कुंभ मेला के दौरान जलापूर्ति करने के लिए भरपूर पानी उपलब्ध है। पानी निकासी के लिए बांध प्रशासन ने पूरी तैयारियां कर ली हैं
– विनय बडोनी, अधिशासी निदेशक, टीएचडीसी टिहरी