देहरादून। हरिद्वार में अस्थि विसर्जन पर लगी रोक को उत्तराखंड सरकार ने हटा दिया है। कैबिनट की बैठक में इससे संबंधी प्रस्ताव पर मुहर लगा दी गई है। मार्च माह से शुरू हुए लॉकडाउन के दौरान हरिद्वार जिले में गंगा घाटों पर सामूहिक स्थान पर भी रोक लगा दी गई थी। साथ ही मंदिरों में भी ताले लगा दिए गए थे। सिर्फ हरिद्वार के श्मशान घाटों पर अंतिम संस्कार को ही छूट दी गई थी।
हरिद्वार में गंगा में अस्थि विसर्जन पर भी लॉकडाउन से ही रोक लगी हुई थी। इससे उत्तराखंड में भी दिवंगत लोगों के परिजन अस्थियां घरों में संभालकर रख रहे हैं। वहीं, बाहरी राज्यों के लोगों को भी इसके लिए हरिद्वार में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है।
बाहरी राज्यों के लोग अनुमति लेकर हरिद्वार में गंगा में अस्थियां प्रवाहित करने को तो आ रहे हैं, लेकिन उन्हें जिला की सीमाओं से ही वापस लौटाया जा रहा है। ऐसे में हरिद्वार के तीर्थ पुरोहित सरकार से लगातार अस्थि विसर्जन पर लगी रोक हटाने की मांग कर रहे थे।
पिछले दिनों श्री गंगा सभा के अध्यक्ष प्रदीप झा व महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक से मुलाकात कर अस्थि विसर्जन पर लगी रोक हटाने की मांग भी की थी। कैबिनेट की बैठक के बाद शहरी विकास मंत्री एवं शासकीय प्रवक्ता मदन कोशिक ने बताया कि हरिद्वार में अ स्थित विसर्जन पर रोक हटा दी गई है। इसके लिए चालक सहित दिवंगत के परिवार के दो लोगों को अस्थि विसर्जन क लिए हरिद्वार जाने दिया जाएगा।
गौरतलब है कि हरिद्वार उत्तराखंड में एकमात्र ऐसा जिला है, जो रेड जोन में शामिल है। ऐसे में यहां अस्थि विसर्जन के लिए छूट से प्रशासन के लिए चुनौतियां बढ़ जाएंगी। हालांकि बीते 19 दिनों से हरिद्वार जिले में कोई भी कोरोना संक्रमित नहीं मिला। ये प्रशासन के लिए राहत की बात है।