हरिद्वार। हरिद्वार में अब कोविड संक्रमित शवों के दाह संस्कार के लिए श्मशान घाटों में भी जगह कम पड़ने लगी है। अब स्पेशल कोविड अस्थायी श्मशान घाट तैयार किया जाएगा। इसके लिए शासन से स्वीकृति मिल गई है। एक सप्ताह में अस्थायी श्मशान घाट तैयार हो जाएगा। इसका निर्माण नगर निगम करेगा।
चंडी पुल के पास केंद्र सरकार के उपक्रम वाप्कोस लिमिटेड की ओर से श्मशान घाट बनाया गया है। जिसमें एक साथ 16 शवों का दाह संस्कार किया जा सकता है। इसमें से आठ स्थान कोविड महामारी से मृत व्यक्तियों के शवों का दाह संस्कार करने के लिए आरक्षित किए गए हैं। कई बार ऐसी स्थिति भी आई है कि एक बार में आठ से अधिक शव भी पहुंच हैं, जिससे कोविड शवों का अंतिम संस्कार करने में इंतजार करना पड़ा।
इस समस्या से निजात पाने के लिए चंडी घाट पुल के नीचे बने श्मशान घाट की दक्षिण दिशा में खाली पड़ी सिंचाई विभाग की जमीन पर अस्थाई श्मशान घाट बनाने का प्रस्ताव तहसील प्रशासन ने जिलाधिकारी और शासन को भेजा था। प्रस्ताव में बताया गया था कि खाली पड़ी जमीन पर शवों को ले जाने का रास्ता भी सुगम है। साथ ही यहां पर्याप्त मात्रा में लकड़ियां व लोगों के लिए पर्याप्त स्थान भी उपलब्ध है। शासन ने 20 हजार वर्ग मीटर जमीन पर अस्थायी श्मशान घाट बनाने को मंजूरी दे दी है।
गांवों में भी मौखिक रूप से विकल्प ढूंढने के निर्देश
बताया जा रहा है कि प्रशासन की ओर से लेखपालों को मौखिक रूप से गांवों में भी इसी तरह से जरूरत पड़ने पर वैकल्पिक श्मशान घाट और कब्रिस्तानों के लिए जमीन ढूंढने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि यदि वहां भी जरूरत पड़ती है तो कोविड संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार किया जा सके।
वैसे तो भगवान करे कि ऐसी जरूरत न पड़े, इसलिए यही प्रार्थना हैं कि देश कोरोना मुक्त होकर सबकुछ जल्द सामान्य हो जाए। कोविड संक्रमित व्यक्तियों का अंतिम संस्कार करने के लिए अस्थायी श्मशान घाट बनाने को मंजूरी शासन से मिल चुकी है। नगर निगम प्रशासन को एक सप्ताह में अस्थायी श्मशान घाट बनानेे के निर्देश दिए गए हैं।
– गोपाल सिंह चौहान, उपजिलाधिकारी, हरिद्वार