हरिद्वार जनपद अभी कोरोना संक्रमण से पूरी तरह से मुक्त भी नहीं हुआ था कि डेंगू ने दस्तक दे दी है। हरिद्वार शहर में पांच और रुड़की में दो लोगों की रैपिड जांच में डेंगू की पुष्टि हुई है। एक साथ सात मरीजों में डेंगू की पुष्टि होने से स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई है। विभाग इन सभी मरीजों की आज एलायजा जांच करवाएगा। इसके साथ ही मलेरिया विभाग ने लोगों को जागरूक करने और डेंगू का लार्वा नष्ट करने का अभियान शुरू कर दिया है। कुंभ के दौरान अप्रैल और मई महीने में कोरोना संक्रमण ने पूरे जनपद में कहर बरपाया। लोग अभी कोरोना के कहर को भुला नहीं पाए हैं। कोरोना से मौत का सिलसिला तो थम गया, लेकिन संक्रमित मरीज अब भी मिल रहे हैं। कोरोना की तीसरी लहर की भी आशंका जताई जा रही है। तीसरी लहर की आशंका के बीच शहर में डेंगू ने दस्तक दे दी है। जानकारी के अनुसार कुछ लोग जिला अस्पताल में बुखार और बदन दर्द की शिकायत पर उपचार करवाने आए थे। डेंगू की आशंका पर उनकी रैपिड जांच करवाई गई।
जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेश गुप्ता ने बताया कि पांच लोगाें की डेंगू की रैपिड जांच की गई। रैपिड जांच में सुभाषनगर, चंडीघाट, रोड़ीबेलवाला के एक-एक और रानीपुर मोड़ के दो लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई है। उन्होंने बताया कि रुड़की में प्रतीक विहार और एसडी कॉलेज के पास के एक व्यक्ति में डेंगू की पुष्टि हुई है।
उन्होंने बताया कि जांच में डेंगू की पुष्टि होने के बाद मरीजों को घर पर ही उपचार के लिए दवाइयां दे दी गई हैं। दूसरी तरफ मलेरिया विभाग के डॉ. गुरुनाम सिंह ने बताया कि जिन इलाकों से डेंगू के मरीज सामने आए हैं, वहां के लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान शुरू कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि इन क्षेत्रों में डेंगू का लार्वा ढूंढने और नष्ट करने का अभियान चलाया जा रहा है।