हरिद्वार में श्री पंचायती निरंजनी अखाड़ा की धर्म ध्वजा विधि विधान और मंत्रोच्चारण के साथ हुई स्थापित

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हरिद्वार। शनिवार को हरिद्वार में श्री पंचायती निरंजनी अखाड़ा की धर्म ध्वजा विधि विधान और मंत्रोच्चारण के साथ स्थापित कर दी गई है। 52 गज ऊंची धर्म ध्वजा को क्रेन के माध्यम से साधु-संतों, नागा संन्यासियों ने मिलकर खड़ा कर स्थापित किया।

ये लोग रहे मौजूद

अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशनन्द गिरी महाराज ,अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि, बड़ा अखाड़ा उदासीन के कोठारी महंत दामोदर दास, मेला अधिकारी दीपक रावत, मेला आईजी संजय गुंज्याल, अपर मेलाधिकारी हरवीर सिंह सहित बड़ी संख्या में साधु संत और मेला प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहे।

धर्मध्वजा स्थापित होने के साथ महाकुंभ का आगाज

पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी में शनिवार को धर्मध्वजा स्थापित होने के साथ महाकुंभ का आगाज हो गया है। शुक्रवार को अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि, पंचों और मेला प्रशासन के अधिकारियों ने धर्मध्वजा स्थल का निरीक्षण किया।

कुंभ मेले की पहली धर्मध्वजा स्थापित
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्रगिरि ने कहा कि पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के रमता पंच और नागा संन्यासियों ने पहला नगर प्रवेश कर लिया है। पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी ने कुंभ मेले की पहली धर्मध्वजा शनिवार को स्थापित कर दी है। 

पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के सचिव एवं कुंभ मेला प्रभारी श्रीमहंत रविंद्रपुरी ने बताया कि शनिवार की सुबह 8.30 बजे धर्मध्वजा स्थापित हुई। अखाड़ा की 52 मणियां होती हैं। श्रीमहंत कुंभ छावनी प्रवेश करने पर ही धर्मध्वजा के दर्शन कर पाएंगे।

मेला प्रशासन के अधिकारियों को भी बुलाया गया
 
अखाड़ा की परंपरा है कि धर्म ध्वजा स्थापित होने के दौरान अखाड़ा के श्रीमहंत शामिल नहीं होते हैं। धर्मध्वजा के नीचे ही संन्यासी अखाड़ा द्वारा नागा संन्यासियों को अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर की ओर से संन्यास की दीक्षा दी जाती है। 

उन्होंने बताया कि धर्म ध्वजा 52 फुट की है। इसे सुरक्षित कैसे स्थापित किया जाए, इसको लेकर मेला प्रशासन के अधिकारियों को भी बुलाया गया। अपर मेलाधिकारी हरबीर सिंह ने कहा कि शनिवार को पहली धर्मध्वजा निरंजनी अखाड़ा की स्थापित की गई है।

 

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