हाईकोर्ट ने दिए पक्षकार बनाए गए शांतिकुंज प्रमुख प्रणव पंड्या और उनकी पत्नी का नाम हटाने के निर्देश

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उत्तराखंड हाईकोर्ट में आज शांतिकुंज हरिद्वार एवं ब्रह्म वर्चस्व शोध संस्थान में गड़बड़ियों की जांच की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने याचिका में पक्षकार बनाए गए इन संस्थाओं के प्रमुख प्रणव पंड्या और उनकी पत्नी शैल बाला का नाम हटाकर संशोधित प्रार्थनापत्र दायर करने के निर्देश दिए हैं। वहीं इसके  साथ अदालत ने मामले में सरकार को चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के लिए भी कहा है।

सुनवाई के दौरान कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार शांतिकुंज हरिद्वार के पूर्व कर्मचारी मनमोहन सिंह ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि जब से प्रणव पंड्या व शैल बाला पंड्या शांतिकुंज एवं ब्रह्म वर्चस्व शोध संस्थान के सर्वेसर्वा बने हैं तब से इन संस्थानों में असंतोष व्याप्त है। याचिका में कहा गया कि अब तक लगभग 17 लोगों ने आत्महत्या तक कर ली है। याचिकाकर्ता की ओर से इस प्रकरण की जांच किए जाने की मांग की गई थी।

प्रणव पांड्या के खिलाफ एक युवती के साथ दुष्कर्म के मामले में भी अधिवक्ता विवेक शुक्ला ने जनहित याचिका दायर की थी जिसे हाईकोर्ट ने सीजेएम हरिद्वार के समक्ष दायर करने के आदेश दिए थे। इस मामले में पुलिस भी पीड़िता के बयान ले चुकी है। वहीं, चर्चित निर्भया रेप कांड प्रकरण में आरोपियों की ओर से पैरवी कर चुके अधिवक्ता एपी सिंह ने हाईकोर्ट में शपथपत्र दिया था। साथ ही प्रणव पांड्या की गिरफ्तारी पर लगी रोक के आदेश को निरस्त करने के लिए भी प्राथर्ना पत्र भी दिया था। शांतिकुंज हरिद्वार में आठ नवंबर 2011 को हवन के दौरान मची भगदड़ में 20 लोगों की मौत और 67 लोगों के घायल होने के मामले में भी दायर याचिका का मामला नैनीताल हाईकोर्ट में चल रहा है।

 

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