2025 तक लड़के लड़कियों की संख्या बराबर करने का लक्ष्य: रेखा आर्य

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हरिद्वार। राज्य की महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य मंगलवार को हरकी पैड़ी से कांवड़ लेकर ऋषिकेश के लिए रवाना हुई। कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि हमने अपने राज्य को देवभूमि के साथ-साथ देवियों की भूमि भी बनाना है और यह तभी संभव है जब हम भ्रूण हत्या जैसे अपराध को रोकने के लिए आगे आएंगे। उन्होंने कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अंर्तगत वर्ष 2025 तक उत्तराखंड में लिंगानुपात को प्रति 1000 बालकों पर 1000 बालिकाएं करने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के साथ संकल्प कांवड़ यात्रा निकाली जा रही है।

कैबिनेट मंत्री ने मंगलवार को हरकी पैड़ी पहुंचकर मां गंगा की पूजा-अर्चना तथा आरती कर देश-प्रदेश की सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना करते हुए आशीर्वाद प्राप्त किया। उन्होंने मां गंगा की पूजा-अर्चना तथा आशीर्वाद लेने के बाद हरकी पैड़ी से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अंर्तगत संकल्प कांवड़ यात्रा मुझे भी जन्म लेने दो और शिव के माह में शक्ति का संकल्प का शुभांरभ किया। संकल्प कांवड़ यात्रा की स्वयं अगुवाई करते हुए महिला कावंड़ियों के साथ पवित्र गंगा का जल ऋषिकेश स्थित वीरभद्र महादेव मन्दिर के लिए प्रस्थान किया।

रेखा आर्य ने कहा कि शिवरात्रि है और शिव रात्रि में बाबा भोलेनाथ ने यह सन्देश दिया कि वह शक्ति के बिना अधूरे हैं और शक्ति शिव के बिना अधूरी है। कन्याओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे प्रदेश अथवा देश में कन्या जन्म लेने का अधिकार रखती है। हम सबको कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ स्वयं भी संकल्प लेना चाहिए तथा दूसरे को भी ऐसा नहीं करने देना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज का संकल्प-मुझे भी जन्म लेने दो और शिव के माह में शक्ति का संकल्प, का यह सन्देश उत्तराखंड को देवभूमि के अतिरक्ति देवियों की भूमि बनाने की ओर अग्रसर करेगा और लोगों की मानसिकता में भी परिवर्तन लाएगा। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग जन-जागरूकता के माध्यम से इस ओर निरन्तर कार्य कर रहा है। जब उत्तराखंड अपनी रजत जयन्ती मना रहा होगा, निश्चित रूप से कहेगा कि जितनी लड़कों की संख्या है, उतनी ही लड़कियों की संख्या भी है। रेखा आर्य का जगह-जगह स्वागत किया गया।

इस मौके पर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महन्त रविंद्रपुरी, महामंत्री हरिगिरि, रानीपुर विधायक आदेश चौहान, पूर्व विधायक झबरेड़ा देशराज कर्णवाल, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के सचिव हरीश हरिश्चंद्र सेमवाल, जूना अखाड़ा के सचिव महन्त महेशपुरी, श्रीगंगा सभा के अध्यक्ष प्रदीप झा, आचार्य अमित कौशिक, भोला शास्त्री आदि मौजूद रहे।

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