रूड़की के बल्लूपुर गांव में जहरीली शराब पीने से 28 लोगों की मौत

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देहरादून। संवाददाता। उत्तराखण्ड और उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्र में जहरीली शराब पीने से 28 लोगों की मौत हो गयी जबकि दर्जन भर से अधिक लोगों की हालत गम्भीर बनी हुई है। जिनका विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। वहीं सूत्रों के अनुसार मृतकों की संख्या बढ़ भी सकती है। घटना को लेकर देहरादून से लखनऊ तक हड़कंप मचा हुआ है। उत्तराखण्ड शासन ने इस मामले में कार्यवाही करते हुए आबकारी विभाग के 13 अधिकारी व कर्मचारी निलम्बित कर दिये है। तथा घटना की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दे दिये गये है। वहीं यूपी की योगी सरकार द्वारा मृतकों के परिवारों को व बीमारों को मुआवजे की घोषणा कर दी गयी है। मरने वालों में कई गांवों के लोग शामिल हैं।

घटना का मुख्य केन्द्र हरिद्वार, रूड़की क्षेत्र का गांव बल्लूपुर बताया गया है। जिसके छह लोगों की मौत इस घटना में हुई है। वहीं उत्तर प्रदेश के जिला सहारनपुर(नागल) के समीप ऊमाही गांव इस घटना का केन्द्र बताया जा रहा है जहां यह जहरीली शराब बनायी जाती थी। उत्तराखण्ड के अधिकारियों को यहां भेजकर आस पास के गांवो में चैकिंग अभियान चलाया जा रहा हैं। एसएसपी हरिद्वार खुद बल्लूपुर गांव में मौजूद है। मृतकों और बीमारों की पूरी जानकारी जुटाने में प्रशासनिक अमला लगा हुआ है।

इस घटना में आबकारी मंत्री प्रकाश पंत द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार 12 लोगों की मौत की पुष्टि की गयी है जबकि 6 अन्य की हालत गम्भीर बतायी गयी है। मृतकों में 6 लोग बल्लूपुर गांव के रहने वाले है जबकि बाकी अन्य 6 आस पास के गांवों के लोग है। वहीं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जो लोग इस हादसे के शिकार हुए है वह सभी नागल क्षेत्र के निकटवर्ती गांवो के रहने वाले है। जिनमें कुछ लोग ऊमाही गांव के भी है। मृतकों में उस व्यक्ति की भी मौत हो चुकी है जिसके यहां यह अवैध शराब बनाने का धंधा चलाया जाता था। तथा वह अवैध शराब के धंधे में जेल भी जा चुका था।
जानकारी के मुताबिक यह घटना 7 फरवरी की रात की है। जब इन लोगों ने इस जहरीली शराब का सेवन किया।

इनमें से अधिकांश की मौत रात में ही अस्पताल ले जाने से पहले ही हो गयी थी। जबकि घटना का खुलासा आज सुबह उस समय हुआ जब शराब पीने से हालत बिगड़ने पर कुछ लोगों को परिजनो ंद्वारा अस्पताल पहुंचाया गया। धीरे धीरे जब शराब से मरने की खबर क्षेत्र में फैली तो एक के बाद एक घटना जुड़ती गयी और मृतकों और बीमारों की संख्या बढ़ती चली गयी। क्षेत्रवासियों का कहना है कि उत्तराखण्ड और पश्चिमी उत्तरप्रदेश के इस सीमावर्ती क्षेत्र में अवैध शराब का यह कारोबार लम्बे समय से चल रहा था। जिसके बारे में पुलिस प्रशासन को भी जानकारी थी। लेकिन इसे कभी गम्भीरता से रोकने का प्रयास नहीं किया गया। जिसके परिणाम स्वरूप आज 18 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा।

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